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विवाहित और अविवाहित लिव-इन में एक साथ नहीं रह सकतेः हाई कोर्ट - राजस्थान हाई कोर्ट का फैसला

राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रेमी युगल को सुरक्षा देने से इनकार करते हुए कहा कि विवाहित और अविवाहित लिव इन रिलेशन में एक साथ नहीं रह सकते हैं.

राजस्थान हाईकोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jun 10, 2021, 8:43 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रेमी युगल को सुरक्षा देने से इनकार करते हुए कहा कि विवाहित और अविवाहित लिव इन रिलेशन में एक साथ नहीं रह सकते हैं. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश 29 साल की अविवाहित युवती और 31 साल के विवाहित युवक की संयुक्त याचिका को खारिज करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिका के तथ्यों से साबित है कि याचिकाकर्ता युवक पहले से ही विवाहित है. ऐसे में वह किसी अविवाहित युवती के साथ लिव इन में नहीं रह सकता है.

अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए यह भी कहा कि लिव इन रिलेशनशिप के लिए प्रेमी युगल को न केवल पति-पत्नी की तरह रहना चाहिए, बल्कि उसकी शादी करने की उम्र या शादी करने की पात्रता भी होनी चाहिए, जो कि एक विवाहित और अविवाहित के मामले में नहीं हो सकती.

यह भी पढ़ेंः 'रनवे' पर पायलट का राजनीतिक 'प्लेन'...जानें क्या हैं पायलट कैंप की मांगें...

याचिका में कहा गया था कि वे लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं, ऐसे में उन्हें अपने परिजनों से खतरा है, इसलिए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए. याचिका में डीजीपी और ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सहित करधनी थानाधिकारी को भी पक्षकार बनाया गया था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रेमी युगल को सुरक्षा देने से इनकार करते हुए कहा कि विवाहित और अविवाहित लिव इन रिलेशन में एक साथ नहीं रह सकते हैं. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश 29 साल की अविवाहित युवती और 31 साल के विवाहित युवक की संयुक्त याचिका को खारिज करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिका के तथ्यों से साबित है कि याचिकाकर्ता युवक पहले से ही विवाहित है. ऐसे में वह किसी अविवाहित युवती के साथ लिव इन में नहीं रह सकता है.

अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए यह भी कहा कि लिव इन रिलेशनशिप के लिए प्रेमी युगल को न केवल पति-पत्नी की तरह रहना चाहिए, बल्कि उसकी शादी करने की उम्र या शादी करने की पात्रता भी होनी चाहिए, जो कि एक विवाहित और अविवाहित के मामले में नहीं हो सकती.

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याचिका में कहा गया था कि वे लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं, ऐसे में उन्हें अपने परिजनों से खतरा है, इसलिए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए. याचिका में डीजीपी और ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सहित करधनी थानाधिकारी को भी पक्षकार बनाया गया था.

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