जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल व्याख्याता भर्ती-2018 के विवादित उत्तरों की जांच के मामले में विशेषज्ञ कमेटी की भूमिका पर कडी टिप्पणी की है. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि आरपीएससी को विशेषज्ञ कमेटी के सदस्यों की योग्यता तय करने के संबंध में नियम बनाने चाहिए. अदालत ने भर्ती में नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश जितेन्द्र मीणा व अन्य की याचिका पर दिए.
पढ़ें: कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश सरकार ने धारा 144 की अवधि एक महीने और बढ़ाई, अब 21 मार्च तक रहेगी लागू
याचिका में कहा गया कि भर्ती में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के क्षेत्राधिकार के संबंध में प्रश्न पूछा गया था. परीक्षा के समय आयोग को एक करोड़ रुपए से अधिक के प्रकरण सुनने का अधिकार था. ऐसे में आरपीएससी ने एक करोड़ रुपए के उत्तर को सही माना. वहीं बाद में उपभोक्ता कानून में संशोधन कर आयोग को दस करोड रुपए से अधिक के मामले सुनने का अधिकार दिया गया.
याचिका में कहा गया कि आरपीएससी की ओर से विशेषज्ञ की रिपोर्ट पर जारी संशोधित उत्तर कुंजी में एक करोड के बजाए दस करोड़ के उत्तर को सही माना लिया गया. इसके चलते याचिकाकर्ताओं के सही जवाब को गलत मानकर चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया। गया. इसी तरह अन्य विषयों को लेकर भी विशेषज्ञ ने गलत राय दी थी.