जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नीट यूजी में आर्थिक कमजोर वर्ग को तय दस फीसदी आरक्षण का पूरा लाभ नहीं देने के मामले में काउन्सलिंग पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया है.
इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश स्टे प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश समता आंदोलन समिति व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
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याचिका में कहा गया कि नीट यूजी में आर्थिक रूप से पिछडों को उचित आरक्षण देने के लिए एमसीआई ने कुल चार सौ पचास सीटें बढ़ाई थी. इसके तहत सरकारी कॉलेजों में कुल 218 सीट और निजी कॉलेजों में ईडब्ल्यूएस के लिए 130 सीटें आरक्षित होनी चाहिए थी.
जबकि सिर्फ कुल 135 सीटे की इस वर्ग के लिए आरक्षित रखी गई. स्टे प्रार्थना पत्र में कहा गया कि ऐसे में जब तक याचिका का निर्णय नहीं होता, तब तक काउन्सलिंग पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने स्टे प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.