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Rajasthan High court: विवि कुलपति के पद पर अपात्र की नियुक्ति क्यों -हाइकोर्ट

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Published : Jul 16, 2022, 9:26 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय में कुलपति के तौर पर कम योग्यता (Rajasthan University Vice Chancellor appointment) के प्रोफेसर को नियुक्त करने पर शिक्षा सचिव और राज्यपाल सचिव से जवाब मांगा है.

Rajasthan High court
राजस्थान विश्वविद्यालय में नियमों के खिलाफ कुलपति की नियुक्ति

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय में कुलपति के तौर पर कम योग्यता वाले प्रोफेसर को नियुक्त (Rajasthan University Vice Chancellor appointment) करने पर उच्च शिक्षा सचिव और राज्यपाल सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा है. सीएम एसएस शिंदे और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश प्रोफेसर आरबी सिंह की जनहित याचिका पर दिए.

अदालत ने मामले में कुलपति राजीव जैन को गत 15 फरवरी को नोटिस जारी किए थे. याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि प्रोफेसर राजीव जैन को गत 9 सितंबर को राजस्थान विवि का कुलपति नियुक्त किया गया था. राजस्थान विश्वविद्यालय के नियमों के तहत विवि में कुलपति पद पर नियुक्ति के लिए उम्मीदवार के पास प्रोफेसर के तौर पर 10 साल का अनुभव होना जरूरी है.

पढ़ें . Rajasthan High Court: प्रिंसिपल को दी चार्जशीट पर रोक, शिकायत करने वाले एमएलए से मांगा जवाब

इसके अलावा उम्मीदवार के पास अच्छा शैक्षणिक रिकॉर्ड होना चाहिए. जबकि वीसी नियुक्त किए गए राजीव जैन के पास प्रोफेसर पद का 10 साल का अनुभव नहीं है. वहीं उन्होंने 55 फीसदी से कम अंकों से स्नातक किया है. याचिका में यह भी कहा गया है की राजीव जैन का एक भी रिसर्च पेपर स्तरीय नेशनल और इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ.

वहीं उन्होंने अपनी 22 पुस्तकें प्रकाशित होने का दावा किया है, जबकि इनमें से अधिकांश पुस्तकें पासबुक जैसी हैं. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह भी बताया गया की नियमानुसार वीसी चयन के लिए बनी सर्च कमेटी में कोई भी सदस्य विवि से सम्बद्ध नहीं होना चाहिए. जबकि इस कमेटी के सदस्य विवि से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. इसलिए राजीव जैन की कुलपति के पद पर नियुक्ति को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कुलपति राजीव जैन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय में कुलपति के तौर पर कम योग्यता वाले प्रोफेसर को नियुक्त (Rajasthan University Vice Chancellor appointment) करने पर उच्च शिक्षा सचिव और राज्यपाल सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा है. सीएम एसएस शिंदे और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश प्रोफेसर आरबी सिंह की जनहित याचिका पर दिए.

अदालत ने मामले में कुलपति राजीव जैन को गत 15 फरवरी को नोटिस जारी किए थे. याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि प्रोफेसर राजीव जैन को गत 9 सितंबर को राजस्थान विवि का कुलपति नियुक्त किया गया था. राजस्थान विश्वविद्यालय के नियमों के तहत विवि में कुलपति पद पर नियुक्ति के लिए उम्मीदवार के पास प्रोफेसर के तौर पर 10 साल का अनुभव होना जरूरी है.

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इसके अलावा उम्मीदवार के पास अच्छा शैक्षणिक रिकॉर्ड होना चाहिए. जबकि वीसी नियुक्त किए गए राजीव जैन के पास प्रोफेसर पद का 10 साल का अनुभव नहीं है. वहीं उन्होंने 55 फीसदी से कम अंकों से स्नातक किया है. याचिका में यह भी कहा गया है की राजीव जैन का एक भी रिसर्च पेपर स्तरीय नेशनल और इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ.

वहीं उन्होंने अपनी 22 पुस्तकें प्रकाशित होने का दावा किया है, जबकि इनमें से अधिकांश पुस्तकें पासबुक जैसी हैं. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह भी बताया गया की नियमानुसार वीसी चयन के लिए बनी सर्च कमेटी में कोई भी सदस्य विवि से सम्बद्ध नहीं होना चाहिए. जबकि इस कमेटी के सदस्य विवि से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. इसलिए राजीव जैन की कुलपति के पद पर नियुक्ति को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कुलपति राजीव जैन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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