जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बिना अधिकार तृतीय श्रेणी शिक्षक को निलंबित करने के मामले में निलंबन (Rajasthan High Court put a stay ) आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है. साथ ही अदालत ने प्रमुख पंचायती राज सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और सवाई माधोपुर जिला परिषद के सीईओ सहित अन्य से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश रामजीलाल की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को जिला परिषद की स्थापना समिति की सिफारिश के बाद तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर सवाई माधोपुर में नियुक्ति दी गई थी. जिला शिक्षाधिकारी, मुख्यालय ने 13 मार्च को उसका निलंबन कर बामनवास में उपस्थिति देने को कहा. याचिका में गया कि संबंधित अधिकारी को निलंबन करने का अधिकार ही नहीं था. उसकी नियुक्ति स्थापना समिति की सिफारिश पर हुई थी और नियुक्ति अधिकारी को ही निलंबित करने का अधिकार है.
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इसके अलावा निलंबन से पहले याचिकाकर्ता को न तो नोटिस दिया गया और ना ही सुनवाई का कोई मौका दिया गया. इसके अलावा याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई भी लंबित नहीं है. जबकि नियमानुसार जांच लंबित रहने या जांच प्रस्तावित होने पर ही निलंबन किया जा सकता है. इसके अलावा याचिकाकर्ता को बामनवास उपस्थिति देने को कहा गया है, जिससे साबित है कि उसे सिर्फ परेशान करने की नियत से यह कार्रवाई की गई है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.