जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एलडीसी भर्ती-2013 से जुड़े बोनस अंक देने के मामले में स्पष्टीकरण पेश नहीं करने के अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने नागौर जिला परिषद के सीईओ को कहा है कि मामले में तीन दिन में स्पष्टीकरण दिया जाए. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने सीईओ का ऑफिस सीज करने को कहा है.
वहीं अदालत ने आदेश की पालना नहीं होने पर प्रमुख पंचायती राज सचिव को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि आदेश की पालना क्यों नहीं हुई. वहीं अदालत ने सीईओ को 16 मई को पेश रहने को कहा है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश गौतम चंद की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान सीईओ हीरालाल अदालत में पेश हुए, लेकिन वे अपने जवाब से अदालत को संतुष्ट नहीं कर सके. याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि एलडीसी भर्ती-2013 में बोनस अंक नहीं देने पर याचिका (PIL on Bonus marks in LDC Bharti 2013) पेश हुई थी.
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इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 30 अगस्त, 2017 को याचिकाकर्ता को अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर बोनस अंक देकर पात्र होने पर नियुक्ति देने को कहा था. इसके बावजूद आदेश की पालना नहीं की गई. वहीं अदालत के सामने आया कि अवमानना याचिका पेश होने के बाद विभाग की ओर से जवाब भी पेश नहीं किया गया. इस पर अदालत ने कहा कि 30 अगस्त, 2017 का आदेश संबंधित अधिकारियों को भेजा जा चुका था. वहीं इस आदेश के खिलाफ दायर अपील को भी खंडपीठ ने खारिज कर दिया था. जिससे साबित है कि अधिकारी जानबूझकर अदालती आदेश की पालना नहीं कर रहे हैं. ऐसे में न्याय हित को देखते हुए सीईओ को तीन दिन का समय दिया जा रहा है. यदि फिर भी स्पष्टीकरण नहीं आया तो उनका ऑफिस सील किया जाएगा.