जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सेठी कॉलोनी स्थित मनोचिकित्सा केन्द्र की जमीन पर बसी चेतना बस्ती को हटाने के मामले में मौखिक टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि लगता है कि जब तक एक-दो अधिकारी जेल नहीं जाएंगे, तब तक आदेश की पालना नहीं होगी.
साथ ही आदेश दिए हैं कि 24 मार्च तक अदालती आदेश की (Rajasthan High Court orders to remove encroachment ) पालना में अतिक्रमण हटाए जाएं. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने 25 मार्च को जेडीए के संबंधित अधिकारियों को पेश होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश द्वारकेश भारद्वाज (Rajasthan High Court hears contempt petition ) की अवमानना याचिका पर दिए.
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता की ओर से अदालती आदेश की पालना के लिए एक माह का समय मांगा. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अदालती आदेश के कई माह बीतने के बाद भी अब तक भूमि पूरी तरह खाली नहीं हुई है. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने कहा कि सितंबर 2019 में अदालत ने बस्ती हटाने के लिए चार माह का समय दिया था. इसके बावजूद अब तक पूरी तरह से बस्ती खाली नहीं हुई है.