जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह कांस्टेबल भर्ती-2019 का परिणाम जिलेवार जारी करने के बजाय राज्य स्तर पर एक परिणाम के रूप में जारी करे. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश जहीर अहमद की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता अजाज नबी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में पुलिस कांस्टेटेबल के 5 हजार से अधिक पदों पर भर्ती निकाली थी. एक ही भर्ती विज्ञापन से विभिन्न जिलों के लिए आयोजित भर्ती की एक समान परीक्षा आयोजित की गई, लेकिन अब भर्ती परीक्षा का परिणाम जिलेवार जारी किया जा रहा है. याचिका में कहा गया कि जब सभी जिलों में एक भर्ती विज्ञापन से भर्तियां की जा रही हैं, तो प्रदेश स्तर पर एक ही परिणाम निकाल कर एक ही कट ऑफ जारी करनी चाहिए. अलग-अलग परिणाम जारी करने से अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव होता है.
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याचिका में कहा गया कि पूर्व की भर्तियों में भी जहां दौसा जिले की सामान्य वर्ग की कट ऑफ करीब 70 रही, वहीं सीकर जिले में कट ऑफ बढ़कर 74 से अधिक हो गई. दूसरी ओर प्रतापगढ़ जिले में कट ऑफ मार्क्स करीब 50 ही रही. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि भर्ती नियमों के तहत डीजीपी को भर्ती प्रक्रिया तय करने का अधिकार है. कांस्टेबल की नियुक्ति जिला पुलिस अधीक्षक ही करता है. ऐसे में भर्ती का जिलेवार परिणाम जारी कर मेरिट बनाई जाती है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने भर्ती का राज्य स्तरीय परिणाम जारी करने को कहा है.