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Rajasthan High Court: विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा धारकों को शिक्षक भर्ती में शामिल करने के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा धारकों को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2021 लेवल वन की भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश दिए हैं.

Rajasthan High Court orders to include two-year diploma holders
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Feb 10, 2022, 10:07 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं की वह विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा धारकों को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2021 लेवल वन की भर्ती प्रक्रिया में शामिल करें. अदालत ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों के ऑफलाइन आवेदन स्वीकार करने को कहा है. जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश महिपाल सिंह व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता पुनीत सिंघवी ने अदालत को बताया कि एनसीटीई की वर्ष 2010 की अधिसूचना के मुताबिक विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा धारकों को तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल वन के पद पर नियुक्ति दी जा सकती है. अधिसूचना के तहत ऐसे डिप्लोमाधारी को नियुक्ति के बाद छह माह का ब्रिज कोर्स कराया जाता है. याचिकाकर्ता विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमाधारी हैं, लेकिन शिक्षक भर्ती-2021 के लेवल वन में उनके आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं.

पढ़ेंः एकल पट्टा प्रकरण में मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ प्रोटेस्ट पिटिशन पर बहस पूरी, 15 को आएगा फैसला

ऐसे में उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल कराया जाए. वहीं राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सीएल सैनी ने कहा कि इस भर्ती में उनके पास सामान्य शिक्षक के पदों के लिए पर्याप्त संख्या में उम्मीदवार मौजूद हैं. ऐसे में राज्य सरकार को विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा धारकों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल कर चयनित होने पर उन्हें ब्रिज कोर्स कराने की आवश्यकता नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए याचिकाकर्ताओं को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं की वह विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा धारकों को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2021 लेवल वन की भर्ती प्रक्रिया में शामिल करें. अदालत ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों के ऑफलाइन आवेदन स्वीकार करने को कहा है. जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश महिपाल सिंह व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता पुनीत सिंघवी ने अदालत को बताया कि एनसीटीई की वर्ष 2010 की अधिसूचना के मुताबिक विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा धारकों को तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल वन के पद पर नियुक्ति दी जा सकती है. अधिसूचना के तहत ऐसे डिप्लोमाधारी को नियुक्ति के बाद छह माह का ब्रिज कोर्स कराया जाता है. याचिकाकर्ता विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमाधारी हैं, लेकिन शिक्षक भर्ती-2021 के लेवल वन में उनके आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं.

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ऐसे में उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल कराया जाए. वहीं राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सीएल सैनी ने कहा कि इस भर्ती में उनके पास सामान्य शिक्षक के पदों के लिए पर्याप्त संख्या में उम्मीदवार मौजूद हैं. ऐसे में राज्य सरकार को विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा धारकों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल कर चयनित होने पर उन्हें ब्रिज कोर्स कराने की आवश्यकता नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए याचिकाकर्ताओं को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए हैं.

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