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Rajasthan High Court: प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव और नीट यूजी चेयरमैन को पेश होने के आदेश - नीट यूजी चेयरमैन को पेश होने के आदेश

अदालती आदेश के बावजूद सरकारी मेडिकल कॉलेज में अतिरिक्त सीट सृजित तक एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं देने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत ने दोनों अधिकारियों को पेश होकर बताने को कहा है कि अदालती आदेश की पालना में क्या कदम उठाए गए और 4 महीने में भी आदेश की पालना क्यों नहीं की गई?

Rajasthan High Court, राजस्थान हाई कोर्ट
राजस्थान हाई कोर्ट
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Published : Jul 29, 2021, 7:50 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद सरकारी मेडिकल कॉलेज में अतिरिक्त सीट सृजित तक एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं देने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने 2 अगस्त को प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव और नीट यूजी, 2020 के चेयरमैन को पेश होने के आदेश दिए हैं.

अदालत ने दोनों अधिकारियों को पेश होकर बताने को कहा है कि अदालती आदेश की पालना में क्या कदम उठाए गए और 4 महीने में भी आदेश की पालना क्यों नहीं की गई. अदालत ने कहा कि अगर आदेश की पालना हो जाती है, तो दोनों अधिकारियों को पेश होने की आवश्यकता नहीं है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश सौरभ कुमार की अवमानना याचिका पर दिए.

याचिकाकर्ता के वकील तनवीर अहमद

यह भी पढ़ेंः Rajasthan High Court: स्टेट ओपन स्कूल के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट नहीं करने पर मांगा जवाब

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने गत 9 मार्च को आदेश दिए थे कि प्रदेश के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में अतिरिक्त सीट सृजित कर याचिकाकर्ता को एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दो सप्ताह के भीतर प्रवेश दिया जाए. आदेश के चार माह बीतने के बावजूद भी अब तक आदेश की पालना नहीं की गई और याचिकाकर्ता को पेमेंट सीट दी जा रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 2 अगस्त तक आदेश की पालना नहीं होने पर दोनों अधिकारियों को पेश होने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद सरकारी मेडिकल कॉलेज में अतिरिक्त सीट सृजित तक एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं देने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने 2 अगस्त को प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव और नीट यूजी, 2020 के चेयरमैन को पेश होने के आदेश दिए हैं.

अदालत ने दोनों अधिकारियों को पेश होकर बताने को कहा है कि अदालती आदेश की पालना में क्या कदम उठाए गए और 4 महीने में भी आदेश की पालना क्यों नहीं की गई. अदालत ने कहा कि अगर आदेश की पालना हो जाती है, तो दोनों अधिकारियों को पेश होने की आवश्यकता नहीं है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश सौरभ कुमार की अवमानना याचिका पर दिए.

याचिकाकर्ता के वकील तनवीर अहमद

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याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने गत 9 मार्च को आदेश दिए थे कि प्रदेश के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में अतिरिक्त सीट सृजित कर याचिकाकर्ता को एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दो सप्ताह के भीतर प्रवेश दिया जाए. आदेश के चार माह बीतने के बावजूद भी अब तक आदेश की पालना नहीं की गई और याचिकाकर्ता को पेमेंट सीट दी जा रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 2 अगस्त तक आदेश की पालना नहीं होने पर दोनों अधिकारियों को पेश होने के आदेश दिए हैं.

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