जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court) ने आठ साल पहले जब्त किए डीजल से भरे टैंकर को अब तक नहीं छोड़ने के मामले में खाद्य सचिव, जयपुर कलेक्टर, कोटपूतली सीओ और पनियाला थानाधिकारी सहित अन्य को 20 अप्रैल को पेश होने के (high court orders officials to appear) आदेश दिए हैं. अदालत ने अधिकारियों से पूछा है कि मामले में लापरवाही बरतने पर क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
जस्टिस अशोक गौड ने यह आदेश महेश कुमार खत्री की याचिका पर दिए है. अदालत ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम (essential commodities act)के तहत जब्त मैटेरियल के निपटारे के लिए कमेटी बनी हुई है, लेकिन इस कमेटी ने मामले में कुछ नहीं किया. कोर्ट को आठ साल से जब्त टैंकर को रिलीज करने की चिंता तो है ही, साथ में अधिकारियों की लापरवाही के कारण पुलिसकर्मियों के जीवन के खतरे के साथ ही पूरे एरिया के नुकसान की भी चिंता है.
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याचिका (petition) में कहा गया कि वर्ष 2014 में याचिकाकर्ता के डीजल लेकर जा रहे एक टैंकर को आवश्यक वस्तु अधिनियम के मामले में जब्त किया गया था. याचिकाकर्ता की अर्जी पर जयपुर कलेक्टर ने 9 अक्टूबर, 2014 को आदेश जारी कर टैंकर को रिलीज करने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद टैंकर रिलीज नहीं किया गया. कलेक्टर ने फिक 13 नवंबर, 2014 को पुन: टैंकर रिलीज करने के आदेश दिए, लेकिन फिर भी टैंकर रिलीज नहीं हुआ. सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि गत 14 मार्च को अदालत ने संबंधित अधिकारी को पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन अधिकारी ने पेश होने के बजाए तथ्यात्मक रिपोर्ट भेज दी.