जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह आदेश दिया कि प्रदेश के अस्पतालों में न केवल वेंटिलेटर बल्कि सभी जीवन रक्षक उपकरणों को चालू हालत में रखते हुए उनका पूरे वर्ष परिचालन सुनिश्चित किया जाए. बता दें, ये आदेश राजस्थान हाई कोर्ट ने विजय पाठक की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि गत वर्ष पीएम केयर फंड से प्रत्येक जिला मुख्यालय और उपखंड मुख्यालय पर वेंटिलेटर मुहैया कराए गए थे, लेकिन प्रशिक्षित और तकनीकी स्टाफ नहीं होने के कारण कई जगह इन्हें स्थापित ही नहीं किया गया. याचिका में कहा गया कि करौली जिला मुख्यालय और हिंडौन उपखंड मुख्यालय पर गत एक माह में 150 से अधिक मौत हो चुकी है. अगर यहां भेजे गए 34 वेंटिलेटर चालू स्थिति में होते तो कई मरीजों की जान बचाई जा सकती थी.
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याचिका में कहा गया कि करौली जैसे हालात कई अन्य जिलों के हैं. वहीं, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कहा कि विभाग की ओर से वेंटिलेटर शुरू करवाए जा रहे हैं. करौली में 18 वेंटिलेटर शुरू हो गए हैं, जबकि शेष 16 में तकनीकी खामी होने के चलते उन्हें सही करवाया जा रहा है, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने जीवन रक्षक उपकरणों का पूरे वर्ष परिचालन सुनिश्चित करने को कहा है.