जयपुर. केजीएफ चैप्टर 2 फिल्म को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने अहम निर्णय दे हैं. फिल्म के टीजर में धूम्रपान का दृश्य को को लेकर अदालत ने कहा कि यह मुद्दा जनहित से संबंधित है. ऐसे में यह समझ से परे है कि मामला एकलपीठ के समक्ष क्यों उठाया गया है. इसके साथ ही अदालत में मामले को खंडपीठ के समक्ष रखने को कहा है. सीजे अकील कुरैशी और जस्टिस सुदेश बंसल की खंडपीठ ने यह आदेश तसलीम अहमद खान की अपील को खारिज करते हुए दिए.
अपील में एकलपीठ के गत 31 मार्च 2021 के उस अंतरिम आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें एकलपीठ ने फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाने से इनकार (HC Court on KGF Chapter 2 Movie) करते हुए पक्षकारों से जवाब मांगा था. अपील में कहा गया कि कोटपा नियमों के तहत किसी भी फिल्म के दृश्य में धूम्रपान के सीन को नहीं दिखाया जा सकता.
वहीं, यदि दृश्य 2003 से पहले का है तो स्क्रीन पर वैधानिक चेतावनी के साथ इन दृश्यों को दिखाया जा सकता है. अपील में कहा गया कि वर्ष 2009 में महेश भट्ट की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने इन नियमों को अवैध घोषित कर दिया था, लेकिन केन्द्र सरकार की एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2010 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी.
याचिका में कहा कि फिलहाल कोटपा कानून अस्तित्व में है, लेकिन फिर भी केजीएफ चैप्टर 2 के टीजर में सिनेमेटोग्राफी अधिनियम, 2003 के प्रावधानों का उल्लंघन कर फिल्म अभिनेता को खुलेआम धूम्रपान करते दिखाया है.