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दूरस्थ शिक्षा से डिप्लोमा करने वालों के लिए परीक्षा आयोजित करने के निर्देश

राजस्थान हाई कोर्ट ने लैब टेक्नीशियन और सहायक रेडियोग्राफर भर्ती 2020 को लेकर लंबित 155 याचिकाओं का निस्तारण किया है. कोर्ट ने याचिकाओं में उठाए गए 8 बिन्दुओं को तय करते हुए राजस्थान पैरा मेडिकल काउंसिल को निर्देश दिए हैं कि वह दूरस्थ शिक्षा से डिप्लोमा करने वाले अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा आयोजित करे. अदालत ने इस परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों को भविष्य की भर्तियों के पात्र मानने को कहा है.

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Published : Oct 24, 2020, 7:34 PM IST

Assistant radiographer recruitment, Rajasthan High Court order
दूरस्थ शिक्षा से डिप्लोमा करने वालों के लिए परीक्षा आयोजित करने के निर्देश

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने लैब टेक्नीशियन और सहायक रेडियोग्राफर भर्ती-2020 को लेकर लंबित 155 याचिकाओं का निस्तारण कर दिया है. अदालत ने याचिकाओं में उठाए गए 8 बिन्दुओं को तय करते हुए राजस्थान पैरा मेडिकल काउंसिल को निर्देश दिए हैं कि वह दूरस्थ शिक्षा से डिप्लोमा करने वाले अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा आयोजित करे. अदालत ने इस परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों को भविष्य की भर्तियों के पात्र मानने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश ललित किशोर व 154 अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने कहा है कि जिन अभ्यर्थियों की पात्रता परीक्षा का परिणाम लंबित है, उन्हें भर्ती में शामिल नहीं किया जा सकता. वहीं अदालत ने उन लैब टेक्नीशियन डिप्लोमाधारियों को भी राहत देने से इनकार कर दिया है, जिनके पास 12वीं कक्षा में विज्ञान विषय नहीं था. इसके अलावा एक साल का लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा रखने वाले अभ्यर्थियों की याचिकाएं भी कोर्ट ने खारिज कर दी हैं.

पढ़ें- स्पेशल: ऑनलाइन फल-फूल रहा सट्टे का कारोबार, शिकंजा कसने में जुटी क्राइम ब्रांच टीम

वहीं अदालत ने कहा है कि पुनर्मुल्यांकन के परिणाम को मुख्य परिणाम की तिथि से लागू नहीं किया जा सकता. ऐसे में आवेदन की अंतिम तिथि के बाद पुनर्मुल्याकंन के जरिए पात्र होने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल नहीं किया जा सकता. अदालत ने इस संबंध में दायर याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है. अदालत ने निजी विश्वविद्यालयों से डिप्लोमा करने वाले अभ्यर्थियों को राहत देते हुए राजस्थान पैरा मेडिकल काउंसिल को कहा है कि वह पन्द्रह दिन में इन अभ्यर्थियों का रजिस्ट्रेशन करे.

अदालत ने कहा कि विधि द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय को डिग्री या डिप्लोमा कोर्स के लिए काउंसिल की अनुमति की जरूरत नहीं है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदेश के बाहर से डिप्लोमा करने वालों ने यदि काउंसिल में पंजीकरण से पहले संबंधित राज्य से एनओसी हासिल की हुई है, तो उन्हें भर्ती में पात्र माना जाए. इसके साथ ही अदालत ने भर्ती में आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2020 के बाद कौंसिल से पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थियों के लिए आगामी 18 नवंबर से तीन सप्ताह में दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है. इसमें 18 नवंबर तक पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थियों को पात्र माना जाएगा.

गौरतलब है कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने गत 12 जून को लैब टेक्नीशियन के 1119 और सहायक रेडियोग्राफर के 1058 पदों पर भर्ती निकाली थी. जिसमें अभ्यर्थियों ने इन बिंदुओं पर अलग-अलग याचिकाएं दायर की थी.

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने लैब टेक्नीशियन और सहायक रेडियोग्राफर भर्ती-2020 को लेकर लंबित 155 याचिकाओं का निस्तारण कर दिया है. अदालत ने याचिकाओं में उठाए गए 8 बिन्दुओं को तय करते हुए राजस्थान पैरा मेडिकल काउंसिल को निर्देश दिए हैं कि वह दूरस्थ शिक्षा से डिप्लोमा करने वाले अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा आयोजित करे. अदालत ने इस परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों को भविष्य की भर्तियों के पात्र मानने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश ललित किशोर व 154 अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने कहा है कि जिन अभ्यर्थियों की पात्रता परीक्षा का परिणाम लंबित है, उन्हें भर्ती में शामिल नहीं किया जा सकता. वहीं अदालत ने उन लैब टेक्नीशियन डिप्लोमाधारियों को भी राहत देने से इनकार कर दिया है, जिनके पास 12वीं कक्षा में विज्ञान विषय नहीं था. इसके अलावा एक साल का लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा रखने वाले अभ्यर्थियों की याचिकाएं भी कोर्ट ने खारिज कर दी हैं.

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वहीं अदालत ने कहा है कि पुनर्मुल्यांकन के परिणाम को मुख्य परिणाम की तिथि से लागू नहीं किया जा सकता. ऐसे में आवेदन की अंतिम तिथि के बाद पुनर्मुल्याकंन के जरिए पात्र होने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल नहीं किया जा सकता. अदालत ने इस संबंध में दायर याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है. अदालत ने निजी विश्वविद्यालयों से डिप्लोमा करने वाले अभ्यर्थियों को राहत देते हुए राजस्थान पैरा मेडिकल काउंसिल को कहा है कि वह पन्द्रह दिन में इन अभ्यर्थियों का रजिस्ट्रेशन करे.

अदालत ने कहा कि विधि द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय को डिग्री या डिप्लोमा कोर्स के लिए काउंसिल की अनुमति की जरूरत नहीं है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदेश के बाहर से डिप्लोमा करने वालों ने यदि काउंसिल में पंजीकरण से पहले संबंधित राज्य से एनओसी हासिल की हुई है, तो उन्हें भर्ती में पात्र माना जाए. इसके साथ ही अदालत ने भर्ती में आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2020 के बाद कौंसिल से पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थियों के लिए आगामी 18 नवंबर से तीन सप्ताह में दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है. इसमें 18 नवंबर तक पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थियों को पात्र माना जाएगा.

गौरतलब है कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने गत 12 जून को लैब टेक्नीशियन के 1119 और सहायक रेडियोग्राफर के 1058 पदों पर भर्ती निकाली थी. जिसमें अभ्यर्थियों ने इन बिंदुओं पर अलग-अलग याचिकाएं दायर की थी.

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