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सहायक कृषि अधिकारी भर्ती 2015 में ओबीसी आरक्षण देकर संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश - राजस्थान हाई कोर्ट न्यूज

राजस्थान हाई कोर्ट ने सहायक कृषि अधिकारी भर्ती 2015 में भरतपुर और धौलपुर के याचिकाकर्ता जाट अभ्यर्थियों को ओबीसी में शामिल करते हुए संशोधित परिणाम जारी करने को कहा है. राज्य सरकार ने 23 अगस्त 2017 को अधिसूचना जारी कर इन्हें ओबीसी में शामिल कर लिया था. इसके बावजूद आरपीएससी ने अभ्यर्थियों से श्रेणी सुधार के लिए आवेदन नहीं मांगे.

Medical Officer Recruitment 2020, Rajasthan High Court News
ओबीसी आरक्षण देकर संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश
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Published : Jun 2, 2020, 9:48 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक कृषि अधिकारी भर्ती 2015 में भरतपुर और धौलपुर के याचिकाकर्ता जाट अभ्यर्थियों को ओबीसी में शामिल करते हुए संशोधित परिणाम जारी करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश नागेश की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया है कि भर्ती विज्ञापन के समय भरतपुर और धौलपुर के जाटों को ओबीसी में नहीं माना गया था. जिसके चलते याचिकाकर्ता ने सामान्य वर्ग में आवेदन किया. वहीं राज्य सरकार ने 23 अगस्त 2017 को अधिसूचना जारी कर इन्हें ओबीसी में शामिल कर लिया. इसके बावजूद भी आरपीएससी ने अभ्यर्थियों से श्रेणी सुधार के लिए आवेदन नहीं मांगे.

पढ़ें- राजस्थान हाईकोर्ट में RAS भर्ती पर लगी रोक हटाने के लिए प्रार्थना पत्र दायर

वहीं दूसरी ओर याचिकाकर्ता ने साक्षात्कार के समय अपने आप को ओबीसी का दर्शाया, लेकिन आयोग ने अंतिम चयन में याचिकाकर्ता को सामान्य वर्ग मान लिया बोर्ड नियुक्ति नहीं दी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने याचिकाकर्ता को ओबीसी में शामिल कर संशोधित परिणाम जारी करने को कहा है.

चिकित्सा अधिकारी भर्ती 2020 में नियुक्तिों को लेकर संबंधित अधिकारियों को नोटिस

राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा अधिकारी भर्ती 2020 में चयनित अभ्यर्थियों को पदस्थापित करने में अनियमितता के मामले में चिकित्सा सचिव सहित आधा दर्जन सीएमएचओ से जवाब तलब किया है. न्यायाधीश महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश सुरेंद्र यादव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि भर्ती में चयनित चिकित्सकों को उनकी रैंक के अनुसार पद स्थापित नहीं किया जा रहा है. याचिकाकर्ताओं से कम अंक वाले चिकित्सकों को जयपुर और आसपास के जिलों में पदस्थापित किया गया है. वहीं याचिकाकर्ताओं की अधिक रैंक होने के बावजूद उनका पदस्थापन बांसवाड़ा और डूंगरपुर सहित सुदूर जिलों में किया गया है.

पढ़ें- पत्नी ने पति की हत्या कर जमीन में गाड़ दिया शव

याचिका में गुहार की गई थी कि राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह रैंक के हिसाब से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां करे. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक कृषि अधिकारी भर्ती 2015 में भरतपुर और धौलपुर के याचिकाकर्ता जाट अभ्यर्थियों को ओबीसी में शामिल करते हुए संशोधित परिणाम जारी करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश नागेश की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया है कि भर्ती विज्ञापन के समय भरतपुर और धौलपुर के जाटों को ओबीसी में नहीं माना गया था. जिसके चलते याचिकाकर्ता ने सामान्य वर्ग में आवेदन किया. वहीं राज्य सरकार ने 23 अगस्त 2017 को अधिसूचना जारी कर इन्हें ओबीसी में शामिल कर लिया. इसके बावजूद भी आरपीएससी ने अभ्यर्थियों से श्रेणी सुधार के लिए आवेदन नहीं मांगे.

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वहीं दूसरी ओर याचिकाकर्ता ने साक्षात्कार के समय अपने आप को ओबीसी का दर्शाया, लेकिन आयोग ने अंतिम चयन में याचिकाकर्ता को सामान्य वर्ग मान लिया बोर्ड नियुक्ति नहीं दी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने याचिकाकर्ता को ओबीसी में शामिल कर संशोधित परिणाम जारी करने को कहा है.

चिकित्सा अधिकारी भर्ती 2020 में नियुक्तिों को लेकर संबंधित अधिकारियों को नोटिस

राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा अधिकारी भर्ती 2020 में चयनित अभ्यर्थियों को पदस्थापित करने में अनियमितता के मामले में चिकित्सा सचिव सहित आधा दर्जन सीएमएचओ से जवाब तलब किया है. न्यायाधीश महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश सुरेंद्र यादव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि भर्ती में चयनित चिकित्सकों को उनकी रैंक के अनुसार पद स्थापित नहीं किया जा रहा है. याचिकाकर्ताओं से कम अंक वाले चिकित्सकों को जयपुर और आसपास के जिलों में पदस्थापित किया गया है. वहीं याचिकाकर्ताओं की अधिक रैंक होने के बावजूद उनका पदस्थापन बांसवाड़ा और डूंगरपुर सहित सुदूर जिलों में किया गया है.

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याचिका में गुहार की गई थी कि राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह रैंक के हिसाब से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां करे. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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