जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह 15 दिन में जयपुर के नवसृजित दोनों नगर निगमों में अलग-अलग प्रशासक नियुक्त करें. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश ओपी टाक की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने अदालत को बताया कि सरकार ने तत्कालीन जयपुर नगर निगम को विभाजित कर 18 अक्टूबर, 2019 को जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर के नाम से 2 नगर निगमों का गठन कर दिया. दोनों निगमों के नए चुनाव होने तक सरकार ने 25 नवंबर, 2019 को निगम प्रशासक के रूप में पूर्व निगम सीईओ विजय पाल सिंह को दोनों निगमों का प्राधिकारी अधिकारी नियुक्त कर दिया था. जबकि दोनों निगम अलग-अलग निकाय हैं और दोनों में एक ही अधिकारी की नियुक्ति का आदेश गलत है.
पढ़ें: विधायकों की खरीद-फरोख्त का हो रहा प्रयास, बड़ी तादाद में जयपुर पहुंचा कैश : CM गहलोत
याचिका में कहा गया की एक ही अधिकारी से दोनों निगमों का कार्य करवाने से जन सामान्य को भारी असुविधा होगी. जब कानूनी तौर पर दोनों निगम अलग-अलग बना दिए गए हैं, तो दोनों के लिए अलग संचालक मंडल बने और दो अलग-अलग प्राधिकारी भी होनी चाहिए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की गुहार न्यायोचित है. ऐसे में सरकार 15 दिनों में दोनों निगमों के लिए अलग-अलग प्राधिकारी की नियुक्ति करें.