जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव और डीजी होमगार्ड सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि जब सभी पुराने होमगार्ड को पूरे साल नियमित रोजगार नहीं दिया जा रहा तो ढाई हजार पदों पर नई भर्ती क्यों की जा रही है? न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश होमगार्ड समन्वय समिति की ओर से दायर याचिका पर दिए है. इसके साथ ही अदालत ने याचिका को पूर्व में राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर याचिका के साथ सूचीबद्ध कर दिया है.
याचिका में कहा गया कि प्रदेश में कुल 30 हजार 714 होमगार्ड के पद स्वीकृत हैं. इनमें से 28 हजार 400 होमगार्ड पंजीकृत है. राज्य सरकार इनमें से करीब 40 फीसदी होमगार्ड को ही नियमित रोजगार दे पा रही है. जबकि मध्य प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना सहित अन्य कई राज्यों में होमगार्ड को पूरे साल नियमित रोजगार दिया जाता है.
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इसके अलावा राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी सभी होमगार्ड को रोजगार देने की राज्य सरकार को सिफारिश की है. इसके बावजूद पुराने होमगार्ड जवानों को नियमित रोजगार देने के बजाय राज्य सरकार की ओर से ढाई हजार होमगार्ड के नए पदों पर भर्ती की जा रही है. याचिका में कहा गया कि वर्तमान में मौजूदा होमगार्ड को ही रोजगार नहीं मिल रहा है. ऐसे में नई भर्ती करने का कोई औचित्य ही नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.