जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court verdict ) ने टोंक के धौला का खेड़ा गांव की चारागाह भूमि में हुए अतिक्रमण (Encroachment on government land in Tonk) को हटाने के लिए स्थानीय कलेक्टर को निर्देश दिए हैं. वहीं अदालत ने इस संबंध में याचिकाकर्ता को अपना अभ्यावेदन कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी के समक्ष रखने को कहा है.
जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस एमके व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश छीतर लाल शर्मा की जनहित याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा मालपुरा ने अदालत को बताया कि गांव के आम रास्तों और चारागाह भूमि सहित अन्य सरकारी जमीनों पर प्रभावशाली लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. जिसके चलते ग्रामीणों को मवेशी चराने सहित अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों को कई बार लिखित में शिकायत दर्ज कराई गई है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कलेक्टर को अभ्यावेदन तय कर कार्रवाई करने को कहा है.