जयपुर. अलवर के रकबर मॉब लिंचिंग प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को अंतिम फैसला देने पर रोक लगा दी है. रकबर की विधवा अक्सीना की रिवीजन याचिका पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता नासिर अली नकवी ने अदालत को बताया कि घटना में घायल हुए असलम नामक गवाह ने अपने बयानों में नवल और सुरेश को भी घटना में शामिल बताया है. प्रकरण में दोनों लोगों को आरोपी बनाने के लिए ट्रायल कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 319 के तहत प्रार्थना पत्र पेश किया गया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया.
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याचिका में कहा गया कि नियमानुसार ट्रालय के दौरान अदालत आरोप पत्र में छूटे लोगों को आरोपी बना सकती है. ऐसे में निचली अदालत को निर्देश दिए जाए कि वह दोनों लोगों को आरोपियों में शामिल करे. याचिका में यह भी कहा गया कि ट्रायल कोर्ट प्रकरण में आगामी दिनों में फैसला देने वाला है. ऐसे में दोनों लोगों को आरोपी बनाने के संबंध में निर्णय होने तक निचली अदालत को प्रकरण में अंतिम फैसला देने से भी रोका जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दोनों लोगों को नोटिस जारी करते हुए ट्रायल कोर्ट को फैसला सुनाने पर अंतरिम रोक लगा दी है.
गौरतलब है कि अलवर जिले के रामगढ़ थाना इलाका स्थित ललावंडी गांव में 20 जुलाई 2018 की रात कुछ लोगों ने गौ तस्करी का आरोप लगाते हुए रकबर खान के साथ गंभीर मारपीट की थी. वहीं, बाद में रकबर की मौत हो गई थी.