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पात्र होने के बावजूद स्कूल को क्यों नहीं बदला अंग्रेजी मीडियम में: हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने दो अलग-अलग मामले में सुनवाई की है. कोर्ट ने मोडक गांव की स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में क्यों नहीं बदला गया. इस बात को लेकर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से जवाब-तलब किया है. साथ ही सहायक रेडियोग्राफर भर्ती- 2020 में डिप्लोमा पाठ्यक्रम में शामिल अंतिम वर्ष के छात्रों को शामिल नहीं करने पर चिकित्सा शिक्षा सचिव, कर्मचारी चयन बोर्ड और पैरामेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया.

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Published : Jun 23, 2020, 9:46 PM IST

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राजस्थान हाईकोर्ट ने जारी की नोटिस

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और गुमानपुरा (कोटा) के मुख्य शिक्षा अधिकारी सहित मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रामगंजमंडी को नोटिस जारी किया है. नोटिस जारी कर पूछा है कि पात्र होने के बावजूद मोडक गांव की स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में क्यों नहीं बदला गया. अवकाशकालीन न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की एकलपीठ ने यह आदेश ग्राम पंचायत मोडक गांव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता प्रदीप माथुर ने अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट में प्रदेश के 167 ब्लॉक में महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल की स्थापना की घोषणा की थी. इसके लिए याचिकाकर्ता ने सभी शर्तें पूरी करते हुए प्रस्ताव भी भेज दिया. इसके बावजूद गत 8 जून को शिक्षा विभाग ने याचिकाकर्ता ग्राम पंचायत में स्थित स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में ना बदलते हुए खैराबाद स्थित स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में बदल दिया.

यह भी पढ़ेंः मंदिर से संबंधित विवादित जमीन पर बन रहे टॉयलेट पर अंतरिम रोक, हत्या के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ग्राम पंचायत में स्थित सीमेंट फैक्ट्री के करीब 2 हजार कर्मचारी यहां रहते हैं. इन्हें मजबूरी में निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बच्चों को भेजना पड़ता है. ऐसे में याचिकाकर्ता ग्राम पंचायत में अंग्रेजी माध्यम स्कूल स्थापित किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

सहायक रेडियोग्राफर भर्ती- 2020 मामला

हाईकोर्ट ने सहायक रेडियोग्राफर भर्ती- 2020 में डिप्लोमा पाठ्यक्रम में शामिल अंतिम वर्ष के छात्रों को शामिल नहीं करने पर चिकित्सा शिक्षा सचिव, कर्मचारी चयन बोर्ड और पैरामेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश प्रदीप कुमार और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

यह भी पढ़ेंः देश में राशन वितरण में पहले पायदान पर राजस्थान, गेहूं वितरण की स्थिति दूसरे राज्यों से कई बेहतर

याचिका में अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने पैरामेडिकल काउंसिल के अंतर्गत दो वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम में साल 2016-17 में प्रवेश लिया था. जबकि चार साल बीतने के बाद अब तक पाठ्यक्रम पूरा नहीं कराया गया है. वहीं दूसरी ओर सहायक रेडियोग्राफर के 1 हजार 56 पदों पर निकाली गई भर्ती में याचिकाकर्ताओं को शामिल नहीं किया जा रहा है.

याचिका में कहा गया कि यदि तय समय पर पाठ्यक्रम पूरा हो जाता तो याचिकाकर्ता भी भर्ती के लिए पात्र थे. वहीं नियमों के तहत संबंधित पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत छात्रों को भी भर्ती में शामिल होने का अधिकार है. ऐसे में उन्हें भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और गुमानपुरा (कोटा) के मुख्य शिक्षा अधिकारी सहित मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रामगंजमंडी को नोटिस जारी किया है. नोटिस जारी कर पूछा है कि पात्र होने के बावजूद मोडक गांव की स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में क्यों नहीं बदला गया. अवकाशकालीन न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की एकलपीठ ने यह आदेश ग्राम पंचायत मोडक गांव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता प्रदीप माथुर ने अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट में प्रदेश के 167 ब्लॉक में महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल की स्थापना की घोषणा की थी. इसके लिए याचिकाकर्ता ने सभी शर्तें पूरी करते हुए प्रस्ताव भी भेज दिया. इसके बावजूद गत 8 जून को शिक्षा विभाग ने याचिकाकर्ता ग्राम पंचायत में स्थित स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में ना बदलते हुए खैराबाद स्थित स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में बदल दिया.

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ग्राम पंचायत में स्थित सीमेंट फैक्ट्री के करीब 2 हजार कर्मचारी यहां रहते हैं. इन्हें मजबूरी में निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बच्चों को भेजना पड़ता है. ऐसे में याचिकाकर्ता ग्राम पंचायत में अंग्रेजी माध्यम स्कूल स्थापित किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

सहायक रेडियोग्राफर भर्ती- 2020 मामला

हाईकोर्ट ने सहायक रेडियोग्राफर भर्ती- 2020 में डिप्लोमा पाठ्यक्रम में शामिल अंतिम वर्ष के छात्रों को शामिल नहीं करने पर चिकित्सा शिक्षा सचिव, कर्मचारी चयन बोर्ड और पैरामेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश प्रदीप कुमार और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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याचिका में अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने पैरामेडिकल काउंसिल के अंतर्गत दो वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम में साल 2016-17 में प्रवेश लिया था. जबकि चार साल बीतने के बाद अब तक पाठ्यक्रम पूरा नहीं कराया गया है. वहीं दूसरी ओर सहायक रेडियोग्राफर के 1 हजार 56 पदों पर निकाली गई भर्ती में याचिकाकर्ताओं को शामिल नहीं किया जा रहा है.

याचिका में कहा गया कि यदि तय समय पर पाठ्यक्रम पूरा हो जाता तो याचिकाकर्ता भी भर्ती के लिए पात्र थे. वहीं नियमों के तहत संबंधित पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत छात्रों को भी भर्ती में शामिल होने का अधिकार है. ऐसे में उन्हें भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

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