ETV Bharat / city

Rajasthan HighCourt: बाड़मेर में लिग्नाइट खनन में 28 हजार करोड़ के राजस्व नुकसान की क्यों न कराई जाए जांच

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan HighCourt) ने बाड़मेर में लिग्नाइट खनन में अनियमितता और 28 हजार करोड़ राजस्व नुकसान के मामले में सरकार से पूछा है कि राजस्व नुकसान की क्यों न जांच कराई जाए.

Rajasthan HighCourt,  बाड़मेर में लिग्नाइट खनन
राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
author img

By

Published : Nov 18, 2021, 8:20 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan HighCourt) ने बाड़मेर में लिग्नाइट खनन में अनियमितता और 28 हजार करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान के मामले में केंद्रीय कोयला मंत्रालय सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, प्रमुख ऊर्जा सचिव और प्रमुख खान सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा है. सीजे अकील कुरेशी और जस्टिस रेखा बोराणा की खंडपीठ ने यह आदेश रविन्द्र सिंह चौधरी की जनहित याचिका पर दिए.

जनहित याचिका में कहा गया कि बाड़मेर के कपूरडी और जालिपा लिग्नाइट खान को सार्वजनिक उपक्रम के रूप में आरएसएमएसएल को आवंटित की गई थी, लेकिन आरएसएमएमएल ने इन खानों को बिना केन्द्र सरकार की मंजूरी लिए ही बीएलएमसीएल को ट्रांसफर कर दिया है. इस कंपनी में निजी कंपनी जिंदल समूह की 49 फीसदी हिस्सेदारी है.

पढ़ें. Rajasthan Highcourt: वन्यजीव अभ्यारण्य में संसाधनों की कमी को लेकर जनहित याचिका, सरकार ने कहा- समय-समय पर संसाधन करवाए जाते हैं उपलब्ध

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan HighCourt) में दायर याचिका में कहा गया है कि कोयला मंत्रालय ने इस ट्रांसफर को अवैध मानते हुए कार्रवाई करने को लिखा और मामले में 2 हजार 468 रुपये की वसूली करने के भी आदेश दिए गए थे, लेकिन खान विभाग ने जुर्माना वसूली की कार्रवाई को स्थगित कर दिया. याचिका में केन्द्र और राज्य सरकार को इन खानों का नियंत्रण अपने हाथ में लेने और राजस्व नुकसान की जांच करने सहित दोषी अफसरों पर कार्रवाई की गुहार की गई है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan HighCourt) ने बाड़मेर में लिग्नाइट खनन में अनियमितता और 28 हजार करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान के मामले में केंद्रीय कोयला मंत्रालय सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, प्रमुख ऊर्जा सचिव और प्रमुख खान सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा है. सीजे अकील कुरेशी और जस्टिस रेखा बोराणा की खंडपीठ ने यह आदेश रविन्द्र सिंह चौधरी की जनहित याचिका पर दिए.

जनहित याचिका में कहा गया कि बाड़मेर के कपूरडी और जालिपा लिग्नाइट खान को सार्वजनिक उपक्रम के रूप में आरएसएमएसएल को आवंटित की गई थी, लेकिन आरएसएमएमएल ने इन खानों को बिना केन्द्र सरकार की मंजूरी लिए ही बीएलएमसीएल को ट्रांसफर कर दिया है. इस कंपनी में निजी कंपनी जिंदल समूह की 49 फीसदी हिस्सेदारी है.

पढ़ें. Rajasthan Highcourt: वन्यजीव अभ्यारण्य में संसाधनों की कमी को लेकर जनहित याचिका, सरकार ने कहा- समय-समय पर संसाधन करवाए जाते हैं उपलब्ध

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan HighCourt) में दायर याचिका में कहा गया है कि कोयला मंत्रालय ने इस ट्रांसफर को अवैध मानते हुए कार्रवाई करने को लिखा और मामले में 2 हजार 468 रुपये की वसूली करने के भी आदेश दिए गए थे, लेकिन खान विभाग ने जुर्माना वसूली की कार्रवाई को स्थगित कर दिया. याचिका में केन्द्र और राज्य सरकार को इन खानों का नियंत्रण अपने हाथ में लेने और राजस्व नुकसान की जांच करने सहित दोषी अफसरों पर कार्रवाई की गुहार की गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.