जोधपुर/जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट को दो नए (Rajasthan High Court gets two new judges) न्यायाधीश मिल गए हैं. वकील कोटे से कुलदीप माथुर और न्यायिक अधिकारी शुभा मेहता को हाईकोर्ट न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. राष्ट्रपति भवन से दोनों के नियुक्ति वारंट जारी होने के बाद केन्द्र सरकार ने उनके नियुक्ति आदेश जारी किए हैं.
साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट ने अपनी तरह का एक इतिहास भी बना लिया है. हाईकोर्ट में अब जज दंपती मामलों की सुनवाई करेंगे. दरअसल शुभा मेहता के पति महेन्द्र गोयल पहले से ही हाईकोर्ट में न्यायाधीश हैं. महेन्द्र गोयल को वकील कोटे से 6 नवंबर 2019 को न्यायाधीश नियुक्ति किया गया था. संभवतः 6 जून को मुख्यपीठ जोधपुर में न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई जाएगी. दोनों के नाम लम्बे समय से अटके हुए थे. कुलदीप माथुर और शुभा मेहता की नियुक्ति के बाद अब हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढकर 27 हो गई है. हाईकोर्ट में जजों के पचास पद स्वीकृत हैं. ऐसे में अभी भी हाईकोर्ट में जजों के 23 पद खाली चल रहे हैं.
कुलदीप माथुर का जीवन परिचयः अधिवक्ता कुलदीप माथुर का जन्म 10 दिसम्बर 1970 को हुआ था. उन्होने एमडीएसयू अजमेर से वर्ष 1989 में स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद वर्ष 1993 में एमडीएसयू अजमेर से ही विधि स्नातक की डिग्री हासिल की. 03 नवम्बर 1993 को बार कौंसिल ऑफ राजस्थान में पंजीयन करवाने के साथ ही जोधपुर मुख्यपीठ में अधिवक्ता के रूप में कार्य शुरू कर दिया था. करीब 27 साल तक वकालत करियर में संवैधानिक मामलों के साथ सर्विस मेटर,कम्पनी मेटर,इंश्योरेंस, नगर पालिका एवं पंचायत मेटर के साथ दीवानी और आपराधिक प्रकृति के मामलो में पैरवी की. 24 जनवरी 2022 को राजस्थान हाईकोर्ट ने माथुर को वरिष्ठ अधिवक्ता का गाउन भी प्रदान किया. लम्बे समय से वकालत करने के बाद अब वे राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे.