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Rajasthan High Court: RAS भर्ती-2018 के खिलाफ दायर याचिका खारिज - आरएएस भर्ती 2018 के खिलाफ दायर याचिका

राजस्थान हाईकोर्ट ने आरपीएससी की ओर से आयोजित आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा के परिणाम के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है.

आरएएस भर्ती 2018, RAS recruitment 2018
RAS भर्ती-2018 के खिलाफ दायर याचिका खारिज
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Published : Jul 21, 2021, 7:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने आरपीएससी की ओर से आयोजित आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा के परिणाम के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश जयश्री शर्मा और 185 अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

पढ़ेंः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 8 लाख कर्मचारियों के मकान किराए भत्ते की दरों में की बढ़ोतरी

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ताओं ने चयन प्रक्रिया में शामिल होने के बाद प्रक्रिया को चुनौती दी है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि चयन प्रक्रिया पूरी होने के पहले अभ्यर्थियों को उत्तर कुंजी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती. अभ्यर्थी चाहे तो चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उत्तर कुंजी ले सकते हैं.

याचिका में कहा गया कि आरपीएससी ने मैन्युअल के बजाए स्क्रीनिंग पद्धति के जरिए उत्तर पुस्तिका की जांच की है. जिसके चलते अंक देने में त्रुटि हो सकती है. ऐसे में साक्षात्कार के लिए अपात्र अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. इसके अलावा आरपीएससी ने साक्षात्कार से असफल रहे अभ्यर्थियों को अंक तालिका उपलब्ध नहीं कराई है.

पढ़ेंः डोटासरा के रिश्तेदारों के RAS इंटरव्यू में 80 फीसदी अंक पर सियासत, पूनिया-कटारिया ने कही ये बात

जिसका विरोध करते हुए आरपीएससी की ओर से अधिवक्ता मिर्जा फैसल बेग ने कहा कि पिछली कई भर्तियों से ऑन स्क्रीनिंग पद्धति से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जा रही है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के बाद प्रक्रिया को चुनौती नहीं दी जा सकती और चयन प्रक्रिया लंबित रहने के दौरान अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिका भी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने आरपीएससी की ओर से आयोजित आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा के परिणाम के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश जयश्री शर्मा और 185 अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ताओं ने चयन प्रक्रिया में शामिल होने के बाद प्रक्रिया को चुनौती दी है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि चयन प्रक्रिया पूरी होने के पहले अभ्यर्थियों को उत्तर कुंजी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती. अभ्यर्थी चाहे तो चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उत्तर कुंजी ले सकते हैं.

याचिका में कहा गया कि आरपीएससी ने मैन्युअल के बजाए स्क्रीनिंग पद्धति के जरिए उत्तर पुस्तिका की जांच की है. जिसके चलते अंक देने में त्रुटि हो सकती है. ऐसे में साक्षात्कार के लिए अपात्र अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. इसके अलावा आरपीएससी ने साक्षात्कार से असफल रहे अभ्यर्थियों को अंक तालिका उपलब्ध नहीं कराई है.

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जिसका विरोध करते हुए आरपीएससी की ओर से अधिवक्ता मिर्जा फैसल बेग ने कहा कि पिछली कई भर्तियों से ऑन स्क्रीनिंग पद्धति से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जा रही है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के बाद प्रक्रिया को चुनौती नहीं दी जा सकती और चयन प्रक्रिया लंबित रहने के दौरान अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिका भी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया है.

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