जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग में कार्यरत याचिकाकर्ताओं के खिलाफ विभाग की ओर से दी गई अभियोजन स्वीकृति को रद्द कर दिया है. न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश पीताम्बर हरवानी व 2 अन्य की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में कहा गया कि स्टांप वेंडर के लाइसेंस नवीनीकरण को लेकर रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए एसीबी ने उन पर कार्रवाई की थी. वहीं विभाग ने वर्ष 2013 में उनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी की थी. याचिका में कहा गया कि प्रकरण में पहले याचिकाकर्ताओं की भूमिका नहीं बताई गई.
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वहीं बाद में उनके खिलाफ एसीबी ने अभियोजन स्वीकृति मांग ली. दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ताओं पर आरोप साबित होने पर ही अभियोजन स्वीकृति जारी हुई थी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने अभियोजन स्वीकृति के आदेश को रद्द कर दिया है.