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संविदाकर्मियों को हटाने पर रोक, हाई कोर्ट ने डीएलबी निदेशक से मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने खेतड़ी नगर पालिका में कार्यरत संविदाकर्मियों को हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने डीएलबी निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं, अदालत ने प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिए लगे संविदाकर्मियों को सीधे वेतन देने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश महेन्द्र और अन्य की याचिका पर दिए.

राजस्थान हाई कोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Mar 25, 2021, 10:35 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने खेतड़ी नगर पालिका में कार्यरत संविदाकर्मियों को हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने डीएलबी निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं, अदालत ने प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिए लगे संविदाकर्मियों को सीधे वेतन देने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश महेन्द्र और अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता खेतडी नगर पालिका में पिछले छह साल से प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिए संविदा पर काम कर रहे हैं. वहीं, अब याचिकाकर्ताओं को हटाकर उनके स्थान पर दूसरे संविदाकर्मियों को लिया जा रहा है, जबकि एक संविदाकर्मी को हटाकर उसके स्थान पर नियमित कर्मचारी को ही नियुक्त किया जा सकता है. एक संविदाकर्मी को दूसरे संविदाकर्मी से नहीं बदला जा सकता.

यह भी पढ़ेंः श्रीगंगानगर सेना वाहन दुर्घटनाग्रस्त: इन राज्यों के रहने वाले थे जवान, सेना ने दिये जांच के आदेश

इसके अलावा प्लेसमेंट एजेन्सी याचिकाकर्ताओं को विभाग की ओर से दिए जा रहे वेतन का एक हिस्सा अपने पास रख रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगाते हुए उन्हें सीधे वेतन देने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने खेतड़ी नगर पालिका में कार्यरत संविदाकर्मियों को हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने डीएलबी निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं, अदालत ने प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिए लगे संविदाकर्मियों को सीधे वेतन देने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश महेन्द्र और अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता खेतडी नगर पालिका में पिछले छह साल से प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिए संविदा पर काम कर रहे हैं. वहीं, अब याचिकाकर्ताओं को हटाकर उनके स्थान पर दूसरे संविदाकर्मियों को लिया जा रहा है, जबकि एक संविदाकर्मी को हटाकर उसके स्थान पर नियमित कर्मचारी को ही नियुक्त किया जा सकता है. एक संविदाकर्मी को दूसरे संविदाकर्मी से नहीं बदला जा सकता.

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इसके अलावा प्लेसमेंट एजेन्सी याचिकाकर्ताओं को विभाग की ओर से दिए जा रहे वेतन का एक हिस्सा अपने पास रख रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगाते हुए उन्हें सीधे वेतन देने के आदेश दिए हैं.

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