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हाईकोर्ट ने शिक्षकों से की जा रही वसूली पर लगाई रोक

राजस्थान हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए तृतीय श्रेणी शिक्षकों को अदालती आदेश की पालना में दिए गए परिलाभ की पुनः वसूली पर रोक लगा दी है. वहीं हाईकोर्ट की ओर से प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित धौलपुर के डीईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है.

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Published : Jun 17, 2020, 8:49 PM IST

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शिक्षकों से वसूली पर रोक

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों को अदालती आदेश की पालना में दिए गए परिलाभ की पुनः वसूली करने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित धौलपुर के डीईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं से की जा रही वसूली पर भी रोक लगा दी है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश अरविंद कुमार मीणा की ओर से दायर याचिका पर दिए.

ये पढ़ें: आर्थिक हालत सुधारने के लिए बजट घोषणा में कटौती, कर्मचारियों के वेतन पर भी चली कैंची

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि, याचिकाकर्ताओं का वर्ष 2013 की भर्ती के संशोधित परिणाम में चयन हुआ था. याचिकाकर्ताओं को पहले परिणाम में चयनित अभ्यर्थियों के बाद पदस्थापन किया गया. ऐसे में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को पूर्व में नियुक्त अभ्यर्थियों के समान परिलाभ देने के आदेश दिए थे. जिसकी पालना में विभाग ने एरियर के रूप में परिलाभ दे दिए.

ये पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने सामुदायिक केंद्र में नगर निगम के जोन ऑफिस खोलने पर अधिकारियों से मांगा जवाब

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से अब दिए गए परिलाभ की पुनः वसूली की जा रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब करते हुए की जा रही वसूली पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों को अदालती आदेश की पालना में दिए गए परिलाभ की पुनः वसूली करने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित धौलपुर के डीईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं से की जा रही वसूली पर भी रोक लगा दी है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश अरविंद कुमार मीणा की ओर से दायर याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि, याचिकाकर्ताओं का वर्ष 2013 की भर्ती के संशोधित परिणाम में चयन हुआ था. याचिकाकर्ताओं को पहले परिणाम में चयनित अभ्यर्थियों के बाद पदस्थापन किया गया. ऐसे में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को पूर्व में नियुक्त अभ्यर्थियों के समान परिलाभ देने के आदेश दिए थे. जिसकी पालना में विभाग ने एरियर के रूप में परिलाभ दे दिए.

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याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से अब दिए गए परिलाभ की पुनः वसूली की जा रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब करते हुए की जा रही वसूली पर रोक लगा दी है.

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