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जयपुर: कोर्ट परिसर के पास लगाए जा रहे 132 केवीए बिजली ग्रिड निर्माण पर लगी रोक

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Published : May 9, 2020, 6:36 PM IST

जयपुर के शाहपुरा कस्बे में 132KVA बिजली की ग्रिड लगाई जा रही थी. जिसको लेकर राजस्थान हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए ग्रिड की स्थापना पर रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने ऊर्जा सचिव, JVVNL और नगर पालिका ईओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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राजस्थान हाईकोर्ट ने बिजली ग्रिड की स्थापना पर लगाई रोक

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर जिले के शाहपुरा कस्बे में कोर्ट परिसर के पास लगाई जा रही 132KVA बिजली ग्रिड की स्थापना पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने ऊर्जा सचिव, JVVNL और नगर पालिका ईओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने ये आदेश दी बार एसोसिएशन, शाहपुरा और अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने अदालत को बताया कि जेवीवीएनएल की ओर से शाहपुरा कस्बे में स्थित कोर्ट परिसर से सटाकर 132 केवीए क्षमता की बिजली ग्रिड लगाई जा रही है. जिससे न केवल वकीलों की जान को खतरा होगा बल्कि कोर्ट आने वाले पक्षकार भी हमेशा खतरे में रहेंगे. इसके अलावा बिजली ग्रिड के पास ही पेट्रोल पंप मौजूद है. जिससे भविष्य में यदि कोई अप्रिय घटना हुई तो पूरे कस्बे के लोग संकट में आ जाएंगे.

पढ़ें- गहलोत के मंत्री ने PM मोदी पर साधा निशाना, कहा- अचानक LOCKDOWN करने से हुई अव्यवस्था

याचिका में ये भी कहा गया कि बिजली ग्रिड के पास घनी आबादी भी मौजूद है. ऐसे में यहां बिजली ग्रेड की स्थापना किसी भी तरह से उचित नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने यहां ग्रिड को स्थापित करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर जिले के शाहपुरा कस्बे में कोर्ट परिसर के पास लगाई जा रही 132KVA बिजली ग्रिड की स्थापना पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने ऊर्जा सचिव, JVVNL और नगर पालिका ईओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने ये आदेश दी बार एसोसिएशन, शाहपुरा और अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने अदालत को बताया कि जेवीवीएनएल की ओर से शाहपुरा कस्बे में स्थित कोर्ट परिसर से सटाकर 132 केवीए क्षमता की बिजली ग्रिड लगाई जा रही है. जिससे न केवल वकीलों की जान को खतरा होगा बल्कि कोर्ट आने वाले पक्षकार भी हमेशा खतरे में रहेंगे. इसके अलावा बिजली ग्रिड के पास ही पेट्रोल पंप मौजूद है. जिससे भविष्य में यदि कोई अप्रिय घटना हुई तो पूरे कस्बे के लोग संकट में आ जाएंगे.

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याचिका में ये भी कहा गया कि बिजली ग्रिड के पास घनी आबादी भी मौजूद है. ऐसे में यहां बिजली ग्रेड की स्थापना किसी भी तरह से उचित नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने यहां ग्रिड को स्थापित करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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