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राजस्थान हाईकोर्टः वाहनों की धुलाई में ड्राई वॉश तकनीक का उपयोग क्यों नहीं हो रहा

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि ड्राई वॉश तकनीक का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है?

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Aug 26, 2021, 7:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार को दो सप्ताह का समय देते हुए पूछा है कि पानी की कमी को देखते हुए वाहनों की धुलाई में ड्राई वॉश तकनीक का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है. न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश सेवा फाउंडेशन की जनहित याचिका पर दिए.

जनहित याचिका में अदालत को बताया गया कि सर्विस स्टेशन सहित अन्य स्थानों पर वाहनों की धुलाई के लिए पानी का उपयोग किया जाता है. एक कार की धुलाई में कम से कम सवा सौ लीटर पानी का उपयोग किया जाता है. याचिका में कहा गया कि प्रदेश में हमेशा पेयजल संकट रहता है. ऐसे में सरकार को यह निर्देश दिए जाए कि वह वाहनों की धुलाई के लिए ड्राई वॉश तकनीक को अनिवार्य करे.

पढ़ेंः आसाराम के आयुर्वेद उपचार को लेकर याचिका, उच्च न्यायालय ने सरकारी आयुर्वेद चिकित्सक से सत्यापन कराने के दिये निर्देश

इस तकनीक से वाहन पर विशेष प्रकार का फोम लगाकर बाद में उसे विशेष कपड़े से साफ कर दिया जाता है. इसके जरिए की गई सफाई भी पानी से की गई धुलाई के समान ही होती है. इस तकनीक में पानी का उपयोग भी नहीं किया जाता. याचिका में गुहार लगाई गई है कि बढ़ते पेयजल संकट को देखते हुए ड्राई वॉश तकनीक को अनिवार्य किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार को दो सप्ताह का समय देते हुए पूछा है कि पानी की कमी को देखते हुए वाहनों की धुलाई में ड्राई वॉश तकनीक का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है. न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश सेवा फाउंडेशन की जनहित याचिका पर दिए.

जनहित याचिका में अदालत को बताया गया कि सर्विस स्टेशन सहित अन्य स्थानों पर वाहनों की धुलाई के लिए पानी का उपयोग किया जाता है. एक कार की धुलाई में कम से कम सवा सौ लीटर पानी का उपयोग किया जाता है. याचिका में कहा गया कि प्रदेश में हमेशा पेयजल संकट रहता है. ऐसे में सरकार को यह निर्देश दिए जाए कि वह वाहनों की धुलाई के लिए ड्राई वॉश तकनीक को अनिवार्य करे.

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इस तकनीक से वाहन पर विशेष प्रकार का फोम लगाकर बाद में उसे विशेष कपड़े से साफ कर दिया जाता है. इसके जरिए की गई सफाई भी पानी से की गई धुलाई के समान ही होती है. इस तकनीक में पानी का उपयोग भी नहीं किया जाता. याचिका में गुहार लगाई गई है कि बढ़ते पेयजल संकट को देखते हुए ड्राई वॉश तकनीक को अनिवार्य किया जाए.

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