जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख गृह सचिव और डीजीपी को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की आदेश की पालना में प्रदेश के पुलिस थानों में छह माह की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखने वाले सीसीटीवी लगाने के संबंध में अब तक क्या कार्रवाई की गई (CCTV installation in police stations) है. जस्टिस बीरेन्द्र कुमार ने यह आदेश मोनिका कुमारी चौधरी व ओमप्रकाश सैनी की आपराधिक याचिका पर दिए.
सुनवाई के दौरान डीसीपी वेस्ट प्रहलाद कृष्णियां और एसीपी मालवीय नगर सहित बजाज नगर थानाधिकारी अदालत में पेश हुए. अदालत ने पूछा कि आदेश की पालना में बजाज नगर थाने के सीसीटीवी की संबंधित फुटेज पेश क्यों नहीं की गई. इस पर डीसीपी ने कहा कि थानों में राज्य सरकार ने सीसीटीवी नहीं लगवाए हैं. थानों में आमजन के सहयोग सीसीटीवी लगे हुए हैं, लेकिन उनमें सिर्फ 32 घंटे की रिकॉर्डिंग की सुरक्षित रहती है. इसलिए संबंधित फुटेज पेश नहीं की गई.
इस पर याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनिल उपमन और अधिवक्ता अजय कुमार जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने परमवीर सिंह सैनी के मामले में थाने में छह माह की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखने वाली क्षमता के सीसीटीवी लगाने के निर्देश दे रखे हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार ने थानों में ऐसे सीसीटीवी क्यों नहीं लगाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रमुख गृह सचिव और डीजीपी से 4 अगस्त कर इस संबंध में शपथ पत्र पेश करने को कहा है. याचिका में उनके साथ बजाज नगर थाने में हुई मारपीट और अवैध हिरासत में रखने को चुनौती दी गई है. मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गत 28 जून को आदेश दिए थे कि बजाज नगर थाने में लगे सीसीटीवी के 13 से 17 अप्रैल 2022 तक की अवधि के फुटेज पेश किए जाए. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने डीसीपी और थानाधिकारी को पेश होने को कहा था.