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अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों के नजदीक कैसे खुल रही हैं शराब की दुकानेंः हाई कोर्ट

राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रमुख वित्त सचिव, आबकारी आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारी और शराब ठेकेदार को नोटिस जारी कर पूछा है कि सिरसी रोड पर अस्पतालों और एक शिक्षण संस्थान के बीच शराब की दुकान क्यों खोली गई है. न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश जगदीश साहू और अन्य की याचिका पर दिए.

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Published : Jun 25, 2021, 10:55 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख वित्त सचिव, आबकारी आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारी और शराब ठेकेदार को नोटिस जारी कर पूछा है कि सिरसी रोड पर अस्पतालों और एक शिक्षण संस्थान के बीच शराब की दुकान क्यों खोली गई है. न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश जगदीश साहू और अन्य की याचिका पर दिए. अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि अगर दुकान वैधानिक प्रावधानों के विपरीत खुली है तो उसे शिफ्ट करने पर विचार किया जाए.

याचिका में अधिवक्ता आशीष शर्मा ने बताया कि हनुमान नगर विस्तार, सिरसी रोड पर करीब 150 मीटर में एक नशा मुक्ति केन्द्र सहित 4 अस्पताल संचालित होते हैं. यहां पर कक्षा 6 से 12 के विद्यार्थियों का कोचिंग सेंटर भी है, जिसमें अधिकांश लड़कियां अध्ययन के लिए पंजीकृत हैं. इसके बावजूद इन संस्थानों के बीच एक शराब ठेकेदार को शराब बेचने का लाइसेंस दिया गया है, जबकि नियमानुसार शैक्षणिक संस्थान और अस्पतालों के पास शराब की बिक्री नहीं हो सकती है.

यह भी पढ़ेंः Rajasthan Unlock 3.0 की Guidline पर मंथन, गहलोत कैबिनेट बैठक में मिली मंजूरी...जानिए कहां सख्ती, कहां छूट

याचिका में शराब खरीद का ब्यौरा पेश करते हुए यह भी कहा गया कि शराब ठेकेदार तय समय के बाद भी शराब बेच रहा है. इस संबंध में याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री सहित आबकारी विभाग को कई बार पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अब तक शराब की दुकान को यहां से शिफ्ट नहीं किया गया है.

याचिका में गुहार की गई है कि मौके से शराब की दुकान को शिफ्ट किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए दुकान शिफ्ट करने पर विचार करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख वित्त सचिव, आबकारी आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारी और शराब ठेकेदार को नोटिस जारी कर पूछा है कि सिरसी रोड पर अस्पतालों और एक शिक्षण संस्थान के बीच शराब की दुकान क्यों खोली गई है. न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश जगदीश साहू और अन्य की याचिका पर दिए. अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि अगर दुकान वैधानिक प्रावधानों के विपरीत खुली है तो उसे शिफ्ट करने पर विचार किया जाए.

याचिका में अधिवक्ता आशीष शर्मा ने बताया कि हनुमान नगर विस्तार, सिरसी रोड पर करीब 150 मीटर में एक नशा मुक्ति केन्द्र सहित 4 अस्पताल संचालित होते हैं. यहां पर कक्षा 6 से 12 के विद्यार्थियों का कोचिंग सेंटर भी है, जिसमें अधिकांश लड़कियां अध्ययन के लिए पंजीकृत हैं. इसके बावजूद इन संस्थानों के बीच एक शराब ठेकेदार को शराब बेचने का लाइसेंस दिया गया है, जबकि नियमानुसार शैक्षणिक संस्थान और अस्पतालों के पास शराब की बिक्री नहीं हो सकती है.

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याचिका में शराब खरीद का ब्यौरा पेश करते हुए यह भी कहा गया कि शराब ठेकेदार तय समय के बाद भी शराब बेच रहा है. इस संबंध में याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री सहित आबकारी विभाग को कई बार पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अब तक शराब की दुकान को यहां से शिफ्ट नहीं किया गया है.

याचिका में गुहार की गई है कि मौके से शराब की दुकान को शिफ्ट किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए दुकान शिफ्ट करने पर विचार करने को कहा है.

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