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HC ने 12 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के गर्भपात के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने के दिए आदेश...

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Published : Nov 26, 2020, 8:29 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के चलते गर्भवती हुई 12 वर्षीय पीड़िता के गर्भपात को लेकर एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक को तीन विशेषज्ञ चिकित्सकों का बोर्ड गठित करने को कहा है. साथ ही अदालत ने बोर्ड को 2 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

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गर्भपात के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने के दिए आदेश

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के चलते गर्भवती हुई 12 वर्षीय पीड़िता के गर्भपात को लेकर मेडिकल जांच के लिए एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक को तीन विशेषज्ञ चिकित्सकों का बोर्ड गठित करने को कहा है. अदालत ने बोर्ड को 2 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है.

न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश पीड़िता की अपनी मां के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं. याचिका में कहा गया है कि पीड़िता के साथ हुए दुष्कर्म के बाद झोटवाड़ा थाने में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया गया था. वहीं पीड़िता के पेट में तेज दर्द होने के बाद चिकित्सक की सलाह पर कराई गई सोनोग्राफी से पता चला कि पीड़िता करीब बीस सप्ताह की गर्भवती है.

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ऐसे में पीड़िता के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही उसकी उम्र को देखते हुए उसे गर्भपात की अनुमति दी जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मामले में तीन विशेषज्ञ चिकित्सकों का बोर्ड बनाकर पीड़िता की जांच के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के चलते गर्भवती हुई 12 वर्षीय पीड़िता के गर्भपात को लेकर मेडिकल जांच के लिए एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक को तीन विशेषज्ञ चिकित्सकों का बोर्ड गठित करने को कहा है. अदालत ने बोर्ड को 2 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है.

न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश पीड़िता की अपनी मां के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं. याचिका में कहा गया है कि पीड़िता के साथ हुए दुष्कर्म के बाद झोटवाड़ा थाने में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया गया था. वहीं पीड़िता के पेट में तेज दर्द होने के बाद चिकित्सक की सलाह पर कराई गई सोनोग्राफी से पता चला कि पीड़िता करीब बीस सप्ताह की गर्भवती है.

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ऐसे में पीड़िता के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही उसकी उम्र को देखते हुए उसे गर्भपात की अनुमति दी जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मामले में तीन विशेषज्ञ चिकित्सकों का बोर्ड बनाकर पीड़िता की जांच के आदेश दिए हैं.

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