जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक नगर नियोजक भर्ती का रास्ता साफ करते हुए राज्य सरकार को परिणाम जारी कर नियुक्ति देने को कहा है. अदालत ने परिणाम और नियुक्तियों को याचिका के निर्णयाधीन रखा है.
न्यायाधीश अरुण भंसाली ने यह आदेश राहुल कनोडिया व अन्य की याचिका पर दिए. अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता ने केवल संभावना के आधार पर याचिका दायर की है. ओएमआर शीट चली आ रही पद्धति से अलग जाकर प्रकाशित की गई है, लेकिन यह नहीं माना जा सकता कि किया गया परिवर्तन धांधली के लिए किया गया है. याचिका में कहा गया कि स्वायत्त शासन विभाग की ओर से सहायक नगर नियोजक के पदों पर भर्ती निकाली गई थी. दस अगस्त को भर्ती निकाल कर एक माह में लिखित परीक्षा आयोजित कर ली गई.
वहीं लिखित परीक्षा की हर अभ्यर्थी को ऐसी ओएमआर शीट दी गई, जिसमें संबंधित अभ्यर्थी का नाम, फोटो और रोल नंबर पहले से छपे हुए थे. इसके अलावा परीक्षा के बाद ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी भी नहीं दी गई. याचिका में कहा गया कि देर रात वेबसाइट पर अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट अपलोड की गई. जिसमें कुछ अभ्यर्थियों ने शिकायत दी कि उन्होंने कम प्रश्न पत्र हल किए थे, लेकिन अपलोड शीट में अधिक सवाल हल किए हुए हैं. सभी अधिक सवाल के उत्तर गलत लिखे गए हैं.
याचिका में कहा गया कि अधिकारियों ने चहेतों के चयन के लिए परीक्षा में धांधली की है. जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि परीक्षा प्रक्रिया एमएनआईटी जैसी प्रतिष्ठित संस्था ने पूरी की है. याचिकाकर्ताओं की शिकायत का कोई आधार भी नहीं है. ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने परिणाम जारी कर नियुक्तियां देने के आदेश दिए हैं.