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कॉन्स्टेबल भर्ती-2018: कोर्ट ने सभी हटाए गए 11 कॉन्स्टेबलों के पद रिक्त रखने के दिए आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने सीकर में आयोजित कॉन्स्टेबल भर्ती-2018 में हटाए गए अपात्र कॉन्स्टेबलों से खाली हुए 11 पदों को रिक्त रखने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने को भी कहा है.

Constable recruitment-2018, 11 कॉन्स्टेबलों के पद रिक्त
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Published : Sep 28, 2019, 10:24 PM IST

जयपुर. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश शंकरलाल और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार की ओर से आयोजित भर्ती में उनका नियमानुसार चयन हुआ है. पद ग्रहण करने के बाद राज्य सरकार ने बिना सुनवाई का मौका दिए उन्हें पद से हटा दिया.

ये भी पढ़ें: CM गहलोत ने दो योजनाओं को दी मंजूरी, किसानों के लिए पूगल रोड और हनुमानगढ़ टाउन में खुलेंगे स्वतंत्र मंडी

वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि 93 पदों के लिए 154 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था. इसमें से 49 अभ्यर्थी कम अंक होने के बावजूद चयनीत हो गए. इनमें से 11 अभ्यर्थियों का अंतिम रूप से चयन कर उन्हें पदस्थापित भी कर दिया गया. ऐसे में अपात्र होने के चलते उन्हें पद से हटाया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने खाली हुए 11 पदों को रिक्त रखते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.

ASI पदोन्नति परीक्षा को रद्द करना सही माना है राजस्थान हाईकोर्ट:

राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर संभाग में हेड कांस्टेबल से एएसआई पदोन्नति परीक्षा में हुई धांधली के चलते राज्य सरकार की ओर से परीक्षा को रद्द करना सही माना है. इसके साथ ही अदालत ने परीक्षा में चयनीत अभ्यर्थियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया है कोर्ट ने. न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश हरिओम सिंह व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूतिभूषण शर्मा ने अदालत को बताया कि साल 2016-17 के पदों के लिए हुई पदोन्नति परीक्षा में बडे स्तर पर धांधली की गई. कई अभ्यर्थियों के उत्तरकुंजी में 35 अंक आए थे, लेकिन उनमें बदलाव कर 85 अंक कर दिए गए. धांधली में कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं. जिनके खिलाफ जल्द ही चार्जशीट पेश की जाएगी. ऐसे में धांधली के चलते भर्ती को रद्द किया गया था. वहीं याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उनका लिखित परीक्षा के जरिए विभाग ने चयन किया है ऐसे में उन्हें पदोन्नत किया जाए.

जयपुर. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश शंकरलाल और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार की ओर से आयोजित भर्ती में उनका नियमानुसार चयन हुआ है. पद ग्रहण करने के बाद राज्य सरकार ने बिना सुनवाई का मौका दिए उन्हें पद से हटा दिया.

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वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि 93 पदों के लिए 154 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था. इसमें से 49 अभ्यर्थी कम अंक होने के बावजूद चयनीत हो गए. इनमें से 11 अभ्यर्थियों का अंतिम रूप से चयन कर उन्हें पदस्थापित भी कर दिया गया. ऐसे में अपात्र होने के चलते उन्हें पद से हटाया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने खाली हुए 11 पदों को रिक्त रखते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.

ASI पदोन्नति परीक्षा को रद्द करना सही माना है राजस्थान हाईकोर्ट:

राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर संभाग में हेड कांस्टेबल से एएसआई पदोन्नति परीक्षा में हुई धांधली के चलते राज्य सरकार की ओर से परीक्षा को रद्द करना सही माना है. इसके साथ ही अदालत ने परीक्षा में चयनीत अभ्यर्थियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया है कोर्ट ने. न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश हरिओम सिंह व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूतिभूषण शर्मा ने अदालत को बताया कि साल 2016-17 के पदों के लिए हुई पदोन्नति परीक्षा में बडे स्तर पर धांधली की गई. कई अभ्यर्थियों के उत्तरकुंजी में 35 अंक आए थे, लेकिन उनमें बदलाव कर 85 अंक कर दिए गए. धांधली में कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं. जिनके खिलाफ जल्द ही चार्जशीट पेश की जाएगी. ऐसे में धांधली के चलते भर्ती को रद्द किया गया था. वहीं याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उनका लिखित परीक्षा के जरिए विभाग ने चयन किया है ऐसे में उन्हें पदोन्नत किया जाए.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सीकर में आयोजित कॉन्सटेबल भर्ती-2018 में हटाए गए अपात्र कॉन्सटेबलों से खाली हुए 11 पदों को रिक्त रखने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है। न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश शंकरलाल व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
Body:याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से आयोजित भर्ती में उनका नियमानुसार चयन हुआ है। पद ग्रहण करने के बाद राज्य सरकार ने बिना सुनवाई का मौका दिए उन्हें पद से हटा दिया। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि 93 पदों के लिए 154 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। इसमें से 49 अभ्यर्थी कम अंक होने के बावजूद चयनीत हो गए। वहीं इनमें से 11 अभ्यर्थियों का अंतिम रूप से चयन कर उन्हें पदस्थापित भी कर दिया गया। ऐसे में अपात्र होने के चलते उन्हें पद से हटाया गया है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने खाली हुए 11 पदों को रिक्त रखते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है।Conclusion:
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