जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने अदालती आदेश के बावजूद अवाप्त की गई भूमि का 25 फीसदी मुआवजे के तौर पर नहीं देने पर प्रमुख पीएचईडी सचिव, सीकर कलेक्टर और भूमि अवाप्ति अधिकारी सहित तहसीलदार को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश रामनिवास और अन्य की अवमानना याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सैनी ने अदालत को बताया कि सीकर जिले में स्थित याचिकाकर्ताओं की जमीन को पीएचईडी की ओर से अवाप्त किया गया था. मामले में हाईकोर्ट ने 23 अगस्त 2017 को आदेश दिए थे कि अवाप्त की गई भूमि के बदले याचिकाकर्ताओं को बीस फीसदी आवासीय भूमि और पांच फीसदी व्यावसायिक भूमि आवंटित की जाए.
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याचिका में कहा गया कि चार साल की अवधि बीत जाने के बाद भी याचिकाकर्ताओं को मुआवजे के तौर पर भूमि का आवंटन नहीं हुआ है. ऐसे में अदालती अवमानना के दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उन्हें दंडित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.