जयपुर. राज्यपाल शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर के भवनों के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह में ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे. राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन, अकादमिक भवन, पुस्तकालय भवन और कुलपति शासकीय निवास का लोकार्पण किया. उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर के मुख्य द्वार, संविधान पार्क, विधि भवन व कैन्टीन का शिलान्यास भी किया.
राज्यपाल मिश्र ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को याद करते हुए कहा कि शिक्षा जितनी गुणवत्तापूर्ण और समयानुरूप होगी, उतनी ही वह जीवन के लिए उपयोगी और सार्थक होगी. उन्होंने विश्वविद्यालयों शिक्षकों से अपने विषयों में नवीनतम ज्ञान और घटनाक्रमों के प्रति सजग रहने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि शिक्षक नए समय संदर्भों का समावेश करते हुए विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करें.
राज्यपाल ने कहा कि भारत का उच्च शिक्षा तंत्र अमेरिका और चीन के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उच्च शिक्षा तंत्र है. देश में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ी है, लेकिन उच्च शिक्षा में हमारे विश्वविद्यालयों की रैंकिंग बहुत अधिक अच्छी नहीं है. विश्वविद्यालयों को ज्ञान का उत्कृष्ट केन्द्र बनाने के लिए बंधे-बंधाए ढर्रे से हटते हुए कार्य किए जाने की जरूरत है.
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राज्यपाल मिश्र ने शेखावाटी विश्वविद्यालय को आंचलिक शिल्प-स्थापत्य, कुंओं और जल संग्रहण के परम्परागत तरीकों के संरक्षण से जुड़े शोध कार्यों को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया. उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा 'सेंटर फॉर रिसर्च एंड डवलपमेंट ऑफ शेखावाटी', 'सेंटर फॉर शेखावटी डाइसपोरा' और 'सेंटर फॉर इंपीरियल स्टडी ऑफ एनवायरमेंट' जैसे केन्द्र स्थापित करने के निर्णय की सराहना की.
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि उच्च शिक्षा का क्षेत्र राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता पर है. गत तीन बजट में तीन नए विश्वविद्यालय और 123 नए राजकीय महाविद्यालय प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में खोले गए हैं. समारोह में सीकर से लोकसभा सांसद सुमेधानन्द सरस्वती, सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक ने भी विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम के आरम्भ में राज्यपाल श्री मिश्र ने उपस्थितजनों को संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया।