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कोरोना से सबक लेकर भारतीय चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगी राजस्थान सरकार

देश में फैले कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार हर सभंव प्रयास कर रही है. वहीं, राजस्थान सरकार अब भारतीय चिकित्सा पद्धति को बढ़ाने के लिए काम करेगी. जिसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी सहित अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े चिकित्साकर्मियों से संवाद किया.

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Published : May 23, 2020, 12:27 AM IST

राजस्थान की खबर, jaipur news
राजस्थान सरकार भारतीय चिकित्सा पद्धति को देगी बढावा

जयपुर. कोरोना वायरस के अनुभव ने प्रदेश की चिकित्सा पद्धतियों को बदल दिया है. प्रदेश की गहलोत सरकार अब भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ाने पर काम करेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ‘निरोगी राजस्थान‘ के हमारे संकल्प को साकार करने में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी सहित अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. राज्य सरकार इन पद्धतियों को प्रोत्साहन देने में कोई कमी नहीं रखेगी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय इन चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मियों ने पूरे समर्पण भाव के साथ काम किया है.

राजस्थान की खबर, jaipur news
राजस्थान सरकार भारतीय चिकित्सा पद्धति को देगी बढ़ावा

सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी सहित अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े चिकित्साकर्मियों से संवाद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव में इन पद्धतियों ने भी अच्छा योगदान दिया है. आयुर्वेद विभाग ने काढ़ा और अन्य औषधियों के माध्यम से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जो प्रयास किए उनके अच्छे परिणाम सामने आए हैं. साथ ही अन्य पद्धतियों ने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए अपने-अपने तरीकों से योगदान दिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक जीवन शैली में इन पद्धतियों की प्रासंगिकता और बढ़ी है. आमजन में इनके प्रति विश्वास बढ़ा है. इन पद्धतियों में रिसर्च को बढ़ावा देकर इन्हें वर्तमान जरूरतों के प्रति और उपयोगी बनाया जाए. उन्होंने लोगों को निरोगी बनाने के लिए योग और नैचुरोपैथी पर विशेष बल दिया.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि आयुष चिकित्साकर्मियों ने महामारी के इस चुनौतीपूर्ण दौर में सराहनीय सेवाएं दी हैं. राज्य सरकार का प्रयास है कि ये पद्धतियां नए रूप में उभर कर आएं और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इनका लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बजट में दो होम्योपैथी कॉलेज खोलने की घोषणा की थी. इस दिशा में जल्द कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें- लॉकडाउन में एंटीबायोटिक दवाइयों की मांग में 80 फीसदी की कमी...डायबिटीज और बीपी की दवाइयों की मांग बढ़ी

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि 6 हजार से अधिक आयुष चिकित्सक और नसिर्ंगकर्मी कोविड-19 में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. स्क्रीनिंग, टेस्टिंग, उपचार और क्वॉरेंटाइन की व्यवस्थाओं में उनका सहयोग लिया जा रहा है.

शासन सचिव आयुर्वेद गायत्री राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में करीब 21 लाख लोगों को कोरोना से बचाव और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा और अन्य औषधियों का वितरण किया गया है. उन्होंने कहा कि ये चिकित्सा पद्धतियां निरोगी राजस्थान को जनान्दोलन के रूप में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी.

जयपुर. कोरोना वायरस के अनुभव ने प्रदेश की चिकित्सा पद्धतियों को बदल दिया है. प्रदेश की गहलोत सरकार अब भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ाने पर काम करेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ‘निरोगी राजस्थान‘ के हमारे संकल्प को साकार करने में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी सहित अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. राज्य सरकार इन पद्धतियों को प्रोत्साहन देने में कोई कमी नहीं रखेगी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय इन चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मियों ने पूरे समर्पण भाव के साथ काम किया है.

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राजस्थान सरकार भारतीय चिकित्सा पद्धति को देगी बढ़ावा

सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी सहित अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े चिकित्साकर्मियों से संवाद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव में इन पद्धतियों ने भी अच्छा योगदान दिया है. आयुर्वेद विभाग ने काढ़ा और अन्य औषधियों के माध्यम से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जो प्रयास किए उनके अच्छे परिणाम सामने आए हैं. साथ ही अन्य पद्धतियों ने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए अपने-अपने तरीकों से योगदान दिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक जीवन शैली में इन पद्धतियों की प्रासंगिकता और बढ़ी है. आमजन में इनके प्रति विश्वास बढ़ा है. इन पद्धतियों में रिसर्च को बढ़ावा देकर इन्हें वर्तमान जरूरतों के प्रति और उपयोगी बनाया जाए. उन्होंने लोगों को निरोगी बनाने के लिए योग और नैचुरोपैथी पर विशेष बल दिया.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि आयुष चिकित्साकर्मियों ने महामारी के इस चुनौतीपूर्ण दौर में सराहनीय सेवाएं दी हैं. राज्य सरकार का प्रयास है कि ये पद्धतियां नए रूप में उभर कर आएं और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इनका लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बजट में दो होम्योपैथी कॉलेज खोलने की घोषणा की थी. इस दिशा में जल्द कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें- लॉकडाउन में एंटीबायोटिक दवाइयों की मांग में 80 फीसदी की कमी...डायबिटीज और बीपी की दवाइयों की मांग बढ़ी

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि 6 हजार से अधिक आयुष चिकित्सक और नसिर्ंगकर्मी कोविड-19 में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. स्क्रीनिंग, टेस्टिंग, उपचार और क्वॉरेंटाइन की व्यवस्थाओं में उनका सहयोग लिया जा रहा है.

शासन सचिव आयुर्वेद गायत्री राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में करीब 21 लाख लोगों को कोरोना से बचाव और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा और अन्य औषधियों का वितरण किया गया है. उन्होंने कहा कि ये चिकित्सा पद्धतियां निरोगी राजस्थान को जनान्दोलन के रूप में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी.

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