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कोरोना काल में स्कूल बंद होने से अटका मिड डे मील, अब घर-घर जाकर बच्चों को देंगे दाल, तेल और मसाले - जयपुर ताजा खबर

कोरोना काल में 9 महीने से स्कूल बंद हैं जिससे बच्चों का मिड डे मील भी नहीं बन रहा है. ऐसे में सरकार ने मिड डे मील के तहत दिए जाने वाला पोषण बच्चों को घर पर देने की तैयारी की है. इसके तहत अगले दो महीने में बच्चों को दाल, तेल और मसाले दिए जाएंगे. इसके तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के करीब 57 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे.

distribution of mid day meal in Rajasthan, distribution of food items to children in Rajasthan
बच्चों को घर घर बांटेंगे दाल, तेल और मसाले
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Published : Dec 24, 2020, 4:17 PM IST

जयपुर. कोरोना काल में स्कूल बंद होने से यहां पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मील के तहत मिलने वाले पोषण पर भी ब्रेक लगा हुआ है. अब सरकार ने बच्चों को घर पर ही मिड डे मील तहत दाल, तेल और मसाले देने का फैसला किया है, ताकि उनको पोषण मिलता रहे.

बच्चों को घर घर बांटेंगे दाल, तेल और मसाले

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि इस पर कवायद शुरू कर दी गई है. इस नई व्यवस्था से प्रदेश भर में पहली से आठवीं कक्षा तक के करीब 57 लाख बच्चों को फायदा होगा. बताया जा रहा है कि अगले दो महीने में बच्चों को पोषण के रूप में दाल, तेल और मसालों का वितरण किया जाएगा. मिड डे मील के आयुक्त ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं.

इस आदेश के अनुसार, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा तक के 57 लाख बच्चों को दाल, तेल और मसाले दिए जाएंगे. इसके अनुसार कक्षा एक से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले 38 लाख और छठवीं से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले 19.69 लाख बच्चों को फूड पैकेट दिए जाएंगे. इसके लिए बाकायदा विभाग ने तीन चरण का कार्यक्रम भी तैयार किया है.

पढ़ें- पीराराम धायल बिश्नोई को मिलेगा शाइनिंग वर्ल्ड कंपेशन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

जानकारी के अनुसार, बच्चों के अभिभावकों को दाल-तेल व मसाले के कॉम्बो पैकेट तीन चरण में दिए जाएंगे. पहले चरण में 14 मार्च से 30 जून तक की अवधि के फूड पैकेट अगले महीने से दिए जाएंगे. जबकि दूसरे चरण में 1 जुलाई से 30 अक्टूबर तक के फूड पैकेट्स का वितरण किया जाएगा. तीसरे चरण में बाकी की अवधि के फूड पैकेट का वितरण किया जाएगा.

स्कूली बच्चों का दूध बंद नहीं किया, समीक्षा के बाद लेंगे योजना पर फैसला

स्कूली बच्चों को दूध देने की योजना बंद करने के सवाल पर गोविंद सिंह डोटासरा ने साफ किया है कि स्कूली बच्चों को दूध वितरण की योजना को फिलहाल बंद नहीं किया गया है. अभी तक सरकार का ऐसा कोई आदेश नहीं है. इस मामले में विधानसभा में सवाल उठने के बाद समीक्षा के लिए कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी है. उसका अध्ययन करने के बाद मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे. उसके बाद सरकार कोई फैसला लेगी. आज यह कहना बेमानी है कि यह योजना बंद कर दी गई है.

जयपुर. कोरोना काल में स्कूल बंद होने से यहां पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मील के तहत मिलने वाले पोषण पर भी ब्रेक लगा हुआ है. अब सरकार ने बच्चों को घर पर ही मिड डे मील तहत दाल, तेल और मसाले देने का फैसला किया है, ताकि उनको पोषण मिलता रहे.

बच्चों को घर घर बांटेंगे दाल, तेल और मसाले

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि इस पर कवायद शुरू कर दी गई है. इस नई व्यवस्था से प्रदेश भर में पहली से आठवीं कक्षा तक के करीब 57 लाख बच्चों को फायदा होगा. बताया जा रहा है कि अगले दो महीने में बच्चों को पोषण के रूप में दाल, तेल और मसालों का वितरण किया जाएगा. मिड डे मील के आयुक्त ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं.

इस आदेश के अनुसार, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा तक के 57 लाख बच्चों को दाल, तेल और मसाले दिए जाएंगे. इसके अनुसार कक्षा एक से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले 38 लाख और छठवीं से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले 19.69 लाख बच्चों को फूड पैकेट दिए जाएंगे. इसके लिए बाकायदा विभाग ने तीन चरण का कार्यक्रम भी तैयार किया है.

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जानकारी के अनुसार, बच्चों के अभिभावकों को दाल-तेल व मसाले के कॉम्बो पैकेट तीन चरण में दिए जाएंगे. पहले चरण में 14 मार्च से 30 जून तक की अवधि के फूड पैकेट अगले महीने से दिए जाएंगे. जबकि दूसरे चरण में 1 जुलाई से 30 अक्टूबर तक के फूड पैकेट्स का वितरण किया जाएगा. तीसरे चरण में बाकी की अवधि के फूड पैकेट का वितरण किया जाएगा.

स्कूली बच्चों का दूध बंद नहीं किया, समीक्षा के बाद लेंगे योजना पर फैसला

स्कूली बच्चों को दूध देने की योजना बंद करने के सवाल पर गोविंद सिंह डोटासरा ने साफ किया है कि स्कूली बच्चों को दूध वितरण की योजना को फिलहाल बंद नहीं किया गया है. अभी तक सरकार का ऐसा कोई आदेश नहीं है. इस मामले में विधानसभा में सवाल उठने के बाद समीक्षा के लिए कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी है. उसका अध्ययन करने के बाद मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे. उसके बाद सरकार कोई फैसला लेगी. आज यह कहना बेमानी है कि यह योजना बंद कर दी गई है.

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