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आनंदपाल एनकाउंटर के बाद शव रखकर हुए प्रदर्शन की घटना से सरकार ने लिया सबक, कानून बनाने की तैयारी

प्रदेश में जिस तरह से लगातार शवों को रखकर मांग मनवाने की घटनाओं में इजाफा हो रहा है, ऐसे में अब प्रदेश की गहलोत सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाने में जुट गई है. वहीं, कानून का ड्राफ्ट तैयार करने से पहले इसपर मंथन शुरू हो गया है.

शवों को लेकर आंदोलन-प्रदर्शन बनेगा कानू, Protests will be made against bodies
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Published : Oct 22, 2019, 10:48 PM IST

जयपुर. प्रदेश में जिस तरह से लगातार शवों को रखकर मांग मनवाने की घटनाओं में इजाफा हुआ है, उसके बाद मानवाधिकार आयोग की ओर से भी इसे लेकर नाराजगी जताई जा चुकी है. ऐसे में अब प्रदेश की गहलोत सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाने में जुट गई है. वहीं, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से राजस्थान में कानून लाया जाएगा.

शवों को लेकर आंदोलन-प्रदर्शन बनेगा कानून

बता दें कि कानून का ड्राफ्ट तैयार करने से पहले इसपर मंथन शुरू हो गया है. इसे लेकर गृह सचिव की अध्यक्षता में अहम बैठक हो चुकी है. राज्य सरकार इसे लेकर जो कानून बनाने जा रही है उसे राजस्थान प्रोहिबिशन फ्रॉम डेमोंस्ट्रेशन विद डेड बॉडी-2019 और राजस्थान प्रिवेंशन ऑफ डिस्प्रप्शन ऑफ पब्लिक मूवमेंट ऑर्डिनेंस की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया. वहीं, कानून को लेकर हुई बैठक में विशिष्ट सचिव गृह, एसएस गृह विधि, आईजी क्राइम और जेएलआर गृह विधि मौजूद रहे. वहीं, इस कानून में आंदोलन को कंट्रोल करने के नियमों पर विचार हुआ. अब जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

पढे़ं- हाइब्रिड फॉर्मूले पर गहलोत बनाम पायलट, मीणा-खाचरियावास के बाद सचिन भी असहमत

गौरतलब है कि प्रदेश में कई आंदोलन ऐसे रहे हैं, जिनमें आंदोलनकारियों ने शवों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया. इसमें बीती भाजपा सरकार के समय आनंदपाल एनकाउंटर मामला भी रहा है. जिसमें मानवाधिकार आयोग के संज्ञान लेने के बाद जबरन दाह संस्कार किया गया था. बता दें कि इस मामले में आंदोलन इतना उग्र हुआ था कि उसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी तो कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी.

जयपुर. प्रदेश में जिस तरह से लगातार शवों को रखकर मांग मनवाने की घटनाओं में इजाफा हुआ है, उसके बाद मानवाधिकार आयोग की ओर से भी इसे लेकर नाराजगी जताई जा चुकी है. ऐसे में अब प्रदेश की गहलोत सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाने में जुट गई है. वहीं, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से राजस्थान में कानून लाया जाएगा.

शवों को लेकर आंदोलन-प्रदर्शन बनेगा कानून

बता दें कि कानून का ड्राफ्ट तैयार करने से पहले इसपर मंथन शुरू हो गया है. इसे लेकर गृह सचिव की अध्यक्षता में अहम बैठक हो चुकी है. राज्य सरकार इसे लेकर जो कानून बनाने जा रही है उसे राजस्थान प्रोहिबिशन फ्रॉम डेमोंस्ट्रेशन विद डेड बॉडी-2019 और राजस्थान प्रिवेंशन ऑफ डिस्प्रप्शन ऑफ पब्लिक मूवमेंट ऑर्डिनेंस की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया. वहीं, कानून को लेकर हुई बैठक में विशिष्ट सचिव गृह, एसएस गृह विधि, आईजी क्राइम और जेएलआर गृह विधि मौजूद रहे. वहीं, इस कानून में आंदोलन को कंट्रोल करने के नियमों पर विचार हुआ. अब जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

पढे़ं- हाइब्रिड फॉर्मूले पर गहलोत बनाम पायलट, मीणा-खाचरियावास के बाद सचिन भी असहमत

गौरतलब है कि प्रदेश में कई आंदोलन ऐसे रहे हैं, जिनमें आंदोलनकारियों ने शवों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया. इसमें बीती भाजपा सरकार के समय आनंदपाल एनकाउंटर मामला भी रहा है. जिसमें मानवाधिकार आयोग के संज्ञान लेने के बाद जबरन दाह संस्कार किया गया था. बता दें कि इस मामले में आंदोलन इतना उग्र हुआ था कि उसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी तो कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी.

Intro:
शवों को लेकर आंदोलन-प्रदर्शन बनेगा कानून !
राज्य सरकार कानून बनाने की कवायद में जुटी
कानून का ड्राफ्ट तैयार करने से पहले मंथन
गृह सचिव की अध्यक्षता में अहम बैठक
राजस्थान प्रोहिबिशन फ्रॉम डेमोस्टेशन विद डेड बॉडी -2019
राजस्थान प्रीवेंशन ऑफ डिस्प्रप्शन ऑफ पब्लिक मूवमेंट ओर्डिनेंश
Body:प्रदेश में जिस तरह से लगातार शवो को रखकर मांग मनवाने की घटनाओं में इजाफा हुआ है उसके बाद मानवाधिकार आयोग की ओर से भी इसे लेकर नारजगी जताई जा चुकी है।ऐसे अब प्रदेश की गहलोत सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाने में जुट गयी है ।राज्य सरकार कानून बनाने की कवायद में अब जुट गई है इसके लिए राजस्थान में कानून लाया जाएगा
कानून का ड्राफ्ट तैयार करने से पहले इसपर मंथन शुरू हो गया है इसे लेकर गृह सचिव की अध्यक्षता में अहम बैठक हो चुकी ।राज्य सरकार इसे लेकर जो कानून बनाने जा रही है उसे राजस्थान प्रोहिबिशन फ्रॉम डेमोस्टेशन विद डेड बॉडी -2019 ओर राजस्थान प्रीवेंशन ऑफ डिस्प्रप्शन ऑफ पब्लिक मूवमेंट ओर्डिनेंश की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया कानून को लेकर हुई बैठक में में विशिष्ठ सचिव गृह, एसएस गृह विधि
आईजी क्राइम, जेएलआर गृह विधि मौजूद रहे जिसमे
आंदोलन को कंट्रोल करने के नियमों पर विचार हुआ अब जल्द ही इसपर अंतिम निर्णय लिया जाएगा गौरतलब है कि प्रदेश में कई आंदोलन ऐसे रहे है जिनमे आंदोलनकारियों ने शवों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया इसमे बीती भाजपा सरकार के समय आनंदपाल एनकाउंटर मामला भी रहा है जिसमे मानवाधिकार आयोग के संज्ञान लेने के बाद जबरन दाह संस्कार किया गया था इस मामले में आंदोलन इतना उग्र हुआ था कि उसमे 1 व्यक्ति की मौत हो गयी थी तो कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी।
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