जयपुर. ई-मित्र केंद्रों पर लगातार ली जा रही मनमानी दरों की शिकायत के बाद राज्य सरकार ने ई-मित्र की सेवाओं के लिए नई दरों का निर्धारण कर दिया गया है. जनाधार प्राधिकरण की बैठक में यह नई दरें तय की गई हैं. नई दरों के अनुसार सरकारी सेवाओं के परीक्षा आवेदन का शुल्क 50 रुपये और वाणिज्यिक सेवाओं के लिए आवेदन का शुल्क 100 रुपये रखा गया है. बिजली और पानी के बिलों के भुगतान का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. ये सभी दरें 1 सितंबर से लागू होंगी.
आम जनता को मिलने वाली सेवाओं के बदले ई-मित्र संचालक उनसे मनमानी दरें वसूल रहे थे और इसकी शिकायत लगातार प्रशासन के पास पहुंच रही थी. आम जनता की इन्हीं शिकायतों को ध्यान में रखते हुए ई-मित्र संचालकों की कुछ सेवाओं की नई दरें निर्धारित की गई हैं. ई-मित्रों पर सरकारी सेवाओं, वाणिज्यिक सेवाओं के आवेदन भरने से लेकर प्रति ट्रांजेक्शन और पीवीसी कार्ड पर प्रमाण पत्रों का प्रिंटआउट निकलवाने की नई रेट लिस्ट जारी कर दी गई है.
ये हैं सेवाओं की नई दरें...
जानकारी के अनुसार सरकारी सेवाओं के लिए आवेदन करने वाले आवेदनकर्ता को अब 50 रुपये ई-मित्र संचालक को देने होंगे. इसी तरह से सभी वाणिज्यिक सेवाओं के लिए आवेदन के लिए 100 रुपये का शुल्क देना होगा. इस आवेदन शुल्क में दस्तावेज स्कैन, आवेदन पत्र, प्रिंट इत्यादि भी शामिल हैं. इन केंद्रों पर किसी यदि कोई परीक्षा, यूनिवर्सिटी या सरकारी स्कूल की फीस भरी जाएगी तो 2000 रुपये तक 10 और इसके बाद प्रति 1000 पर 2 रुपये बढ़ाकर अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकेगा.
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किसी प्रमाण पत्र के पीवीसी प्रिंट के 30 रुपये प्रति कार्ड देने होंगे. डिजिटल साइन युक्त दस्तावेज यदि सरकारी स्टेशनरी पर प्रिंट हो रहा है उसके 20 और ए फॉर शीट पर प्रिंट लेने पर 10 रुपये. बिजली और पानी के बिल होंगे निशुल्क जमा-बिजली-पानी के बिलों का भुगतान के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा. जनाधार कार्ड नामांकन और वितरण के लिए भी कोई शुल्क नही देना होगा.किसी भी ई मित्र पर किसी भी तरह की कोई शिकायत हो तो टोल फ्री नंबर 181 पर कॉल कर सकते हैं या उपखंड अधिकारी से भी संपर्क किया जा सकता है. प्रदेश में करीब 450 तरह की सेवाएं जनता के लिए ई मित्र पर उपलब्ध हैं.
जनता हो रही थी परेशान, शुल्क की नहीं थी जानकारी...
वर्तमान में ई-मित्र कियोस्क के माध्यम से आम जनता को दी जा रही सेवाओं की दरें 5 रुपये से लेकर 200 रुपये तक अलग-अलग हैं. इसके कारण आमजन को सेवाओं की दरों को जानने और समझने में कठिनाई हो रही थी. इसी के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है. ई-मित्र संचालक को उसके बदले कमीशन दिया जाता है. आम जनता को ई-मित्र पर मिलने वाली सेवाओं और उन पर लगने वाले शुल्क के बारे में जनता को मालूम नहीं होता था. इसका फायदा ई-मित्र संचालक उठा रहे थे और वह आम जनता से कई गुना फीस ले रहे थे. रेट तय होने के बाद आम जनता को सरकारी सेवाएं एक निर्धारित शुल्क के बदले मिलेगी.