जयपुर. राजस्थान के नगरीय क्षेत्रों में कृषि और दुग्ध आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के क्रम में सरकार ने अहम फैसला लिया है. इन गतिविधियों के लिए राजस्थान सरकार की भूमि आवंटन नीति 2015 के तहत निर्धारित दर/ डीएलसी दर के 50% पर जमीन आवंटित की जा सकेगी. हालांकि इसके लिए राज्य सरकार की स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा.
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नगरीय विकास विभाग ने आदेश जारी करते हुए कृषि एवं दुग्ध आधारित गतिविधियों के लिए कच्चे माल की उपलब्धता और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए व्यवसायिक संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त किया है. वर्तमान में कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने की दृष्टि से राज्य सरकार ने डेयरी स्कीम के साथ-साथ/ सामान्य और कृषि आधारित वेयर हाउसिंग/ गोदाम के उपयोग के लिए नगरीय निकाय द्वारा सृजित योजनाओं में भूखंडों के आवंटन के क्रम में राहत प्रदान की है.
इन भूखंडों पर कृषि/दुग्ध आधारित उत्पाद गोदाम, शीतलीकरण संयंत्र और प्रोसेसिंग प्लांट प्रयोजनार्थ, भूमि आवंटन नीति 2015 के तहत निर्धारित दर/डीएलसी दर के 50% पर आवंटन किया जा सकेगा. हालांकि ये आवंटन राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद ही किया जा सकेगा. राज्य सरकार के इस फैसले से एक तरफ कृषि और दुग्ध व्यवसाय को प्रोत्साहन मिलेगा. वहीं नए रोजगार का सृजन भी होगा. साथ ही कोरोना से बिगड़ी अर्थव्यवस्था भी दोबारा सुदृढ़ होगी.