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मेडिकल सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए राजस्थान सरकार ने दी बड़ी छूट, आदेश जारी

राजस्थान में मेडिकल सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए गहलोत सरकार ने बड़ी छूट दी है. इसको लेकर नगरीय विकास विभाग ने आदेश जारी किया है. यहां जानिए कहां क्या छूट मिली है...

relaxation in health sector in rajasthan, CM Ashok Gehlot
स्वायत्त शासन विभाग
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Published : Jun 1, 2021, 3:27 AM IST

जयपुर. कोरोना महामारी में बने हालात के बीच राजस्थान सरकार ने अब राजस्थान की मेडिकल सुविधाओं के विस्तार पर राहत देने का फैसला लिया है. राज्य में अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, क्लीनिक सहित मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण और विस्तार के लिए बड़ी छूट दी गई है.

पढ़ें- COVID-19 Vaccination का ऑडिट करवाएगी गहलोत सरकार

कोविड-19 महामारी के दौरान मेडिकल सुविधाओं को सुदृढ़ करने और भविष्य में आपदा की स्थिति में राज्य में आमजन के लिए उचित मेडिकल सुविधा/ संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मेडिकल सेक्टर को प्रोत्साहित किए जाने के लिए नगरीय विकास विभाग ने छूट/ शिथिलताएं प्रदान की है.

relaxation in health sector in rajasthan, CM Ashok Gehlot
आदेश की कॉपी
  • मेडिकल सेक्टर के अंतर्गत आने वाली गतिविधियों को व्यापक जनहित के अंतर्गत मानते हुए मास्टर प्लान के सभी भू उपयोगों (इकोलॉजिकल, इको सेंसेटिव, पार्क, खुले स्थल आदि को छोड़कर) में अनुज्ञेय उपयोग की श्रेणी में सम्मिलित किया जाता है. इन भू उपयोगों में स्थित कृषि/अकृषि भूमि पर अनुज्ञेय की जा सकेगी.
  • विद्यमान आवासीय योजनाओं में चिकित्सा सुविधाएं पूर्व में अकृषि प्रयोजनार्थ स्वीकृत एकल पट्टा प्रकरणों, गैर आवासीय भूखंडों/ भवनों और विद्यमान आवासीय योजना के ऐसे क्षेत्र जिनका मास्टर प्लान में उपयोग वाणिज्यिक/ मिश्रित/ संस्थानिक दर्शाया गया है पर ही देय होंगी.
  • चिकित्सा सुविधाओं के लिए भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क और मॉडल राजस्थान भवन विनियम 2020 के अंतर्गत भवन मानचित्र अनुमोदन शुल्क में शत-प्रतिशत छूट प्रदान की गई है.
  • चिकित्सा सुविधाओं के लिए भूमि रूपांतरण बाबत प्रीमियम राशि और लीज राशि में छूट के संबंध में अलग से अधिसूचना जारी की जा रही है.

ये सभी छूट निम्न शर्तों के अधीन प्रदत्त की जाएगी...

  1. चिकित्सा सुविधाओं के लिए प्रस्तावित नए प्रोजेक्ट या विद्यमान संस्थानों के विस्तार के प्रकरणों में यदि विकासकर्ता/ संस्था की ओर से उपरोक्त किसी भी मद में पूर्व में राशि जमा करवाई जा चुकी है तो ऐसी राशि लौटाई नहीं जाएगी.
  2. ऐसी चिकित्सा संस्थाओं की स्थापना विस्तार के प्रस्ताव स्थानीय निकाय में 31 मार्च 2022 तक प्रस्तुत किए जाएं और प्रयोजना का काम दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाना अनिवार्य होगा अन्यथा छूट शिथिलता के लिए देय शुल्क ब्याज सहित जमा कराया जाना होगा.
  3. चिकित्सालय की ओर से राज्य सरकार की मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का लाभ आम नागरिकों को दिया जाना अनिवार्य होगा.
  4. अनुमोदन के लिए प्राप्त ऐसे प्रस्तावों का क्षेत्र विशेष की आवश्यकता के अनुरूप सुविधाओं का आकलन न्यूनतम/ अधिकतम क्षेत्रफल और तकनीकी परीक्षण संबंधित जोनल वरिष्ठ नगर नियोजक/ प्राधिकरण या न्यास में पद स्थापित वरिष्ठतम नगर नियोजक से करवा कर तकनीकी राय प्राप्त करनी होगी.
  5. इन शिथिलताओं में अवधि विस्तार और इसके अलावा दूसरे प्रचलित प्रावधानों में यदि छूट/ शिथिलता अपेक्षित है तो इस संबंध में प्रकरण विशेष में गुण-अवगुण के आधार पर राज्य सरकार के अनुमोदन के बाद दी जा सकेगी.

बता दें कि गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधा की तर्ज पर प्रदेश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का दायरा बढ़ाने की प्लानिंग की गई है. इस संबंध में दूसरे राज्यों के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का भी अध्ययन किया गया है.

जयपुर. कोरोना महामारी में बने हालात के बीच राजस्थान सरकार ने अब राजस्थान की मेडिकल सुविधाओं के विस्तार पर राहत देने का फैसला लिया है. राज्य में अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, क्लीनिक सहित मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण और विस्तार के लिए बड़ी छूट दी गई है.

पढ़ें- COVID-19 Vaccination का ऑडिट करवाएगी गहलोत सरकार

कोविड-19 महामारी के दौरान मेडिकल सुविधाओं को सुदृढ़ करने और भविष्य में आपदा की स्थिति में राज्य में आमजन के लिए उचित मेडिकल सुविधा/ संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मेडिकल सेक्टर को प्रोत्साहित किए जाने के लिए नगरीय विकास विभाग ने छूट/ शिथिलताएं प्रदान की है.

relaxation in health sector in rajasthan, CM Ashok Gehlot
आदेश की कॉपी
  • मेडिकल सेक्टर के अंतर्गत आने वाली गतिविधियों को व्यापक जनहित के अंतर्गत मानते हुए मास्टर प्लान के सभी भू उपयोगों (इकोलॉजिकल, इको सेंसेटिव, पार्क, खुले स्थल आदि को छोड़कर) में अनुज्ञेय उपयोग की श्रेणी में सम्मिलित किया जाता है. इन भू उपयोगों में स्थित कृषि/अकृषि भूमि पर अनुज्ञेय की जा सकेगी.
  • विद्यमान आवासीय योजनाओं में चिकित्सा सुविधाएं पूर्व में अकृषि प्रयोजनार्थ स्वीकृत एकल पट्टा प्रकरणों, गैर आवासीय भूखंडों/ भवनों और विद्यमान आवासीय योजना के ऐसे क्षेत्र जिनका मास्टर प्लान में उपयोग वाणिज्यिक/ मिश्रित/ संस्थानिक दर्शाया गया है पर ही देय होंगी.
  • चिकित्सा सुविधाओं के लिए भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क और मॉडल राजस्थान भवन विनियम 2020 के अंतर्गत भवन मानचित्र अनुमोदन शुल्क में शत-प्रतिशत छूट प्रदान की गई है.
  • चिकित्सा सुविधाओं के लिए भूमि रूपांतरण बाबत प्रीमियम राशि और लीज राशि में छूट के संबंध में अलग से अधिसूचना जारी की जा रही है.

ये सभी छूट निम्न शर्तों के अधीन प्रदत्त की जाएगी...

  1. चिकित्सा सुविधाओं के लिए प्रस्तावित नए प्रोजेक्ट या विद्यमान संस्थानों के विस्तार के प्रकरणों में यदि विकासकर्ता/ संस्था की ओर से उपरोक्त किसी भी मद में पूर्व में राशि जमा करवाई जा चुकी है तो ऐसी राशि लौटाई नहीं जाएगी.
  2. ऐसी चिकित्सा संस्थाओं की स्थापना विस्तार के प्रस्ताव स्थानीय निकाय में 31 मार्च 2022 तक प्रस्तुत किए जाएं और प्रयोजना का काम दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाना अनिवार्य होगा अन्यथा छूट शिथिलता के लिए देय शुल्क ब्याज सहित जमा कराया जाना होगा.
  3. चिकित्सालय की ओर से राज्य सरकार की मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का लाभ आम नागरिकों को दिया जाना अनिवार्य होगा.
  4. अनुमोदन के लिए प्राप्त ऐसे प्रस्तावों का क्षेत्र विशेष की आवश्यकता के अनुरूप सुविधाओं का आकलन न्यूनतम/ अधिकतम क्षेत्रफल और तकनीकी परीक्षण संबंधित जोनल वरिष्ठ नगर नियोजक/ प्राधिकरण या न्यास में पद स्थापित वरिष्ठतम नगर नियोजक से करवा कर तकनीकी राय प्राप्त करनी होगी.
  5. इन शिथिलताओं में अवधि विस्तार और इसके अलावा दूसरे प्रचलित प्रावधानों में यदि छूट/ शिथिलता अपेक्षित है तो इस संबंध में प्रकरण विशेष में गुण-अवगुण के आधार पर राज्य सरकार के अनुमोदन के बाद दी जा सकेगी.

बता दें कि गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधा की तर्ज पर प्रदेश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का दायरा बढ़ाने की प्लानिंग की गई है. इस संबंध में दूसरे राज्यों के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का भी अध्ययन किया गया है.

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