जयपुर. देश की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले उत्तर प्रदेश समेत पंजाब, उत्तराखंड ,गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार को सामने आएंगे. वैसे तो चुनाव राजस्थान में नहीं हो रहे हैं, लेकिन गुरुवार को आने वाले पांच राज्यों के चुनाव के नतीजों ने राजस्थान के नेताओं की भी धड़कनें (Rajasthan eyes assembly election 2022 result) बढ़ा दी हैं.
चाहे कांग्रेस पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी हो या फिर उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी धीरज गुर्जर और जुबेर खान या फिर उत्तराखंड के सह प्रभारी बनाए गए कुलदीप इंदौरा. इन सभी नेताओं की तो प्रभारी या सह प्रभारी होने के नाते नतीजों की पूरी जिम्मेदारी (rajasthan connection to assembly election 2022 result) होगी ही. साथ ही कांग्रेस की राजनीति के रणनीतिकार और चाणक्य माने जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस महासचिव भंवर जितेंद्र और कांग्रेस के स्टार प्रचारक सचिन पायलट के लिए भी इन चुनाव के नतीजे भविष्य का रास्ता (Assembly election 2022 result impact on Rajasthan) तय करेगी.
राजस्थान के नेताओं के पास रही पंजाब, UP और उत्तराखण्ड की जिम्मेदारीः पांच राज्यों के चुनाव में से तीन राज्य पंजाब ,उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश तो ऐसे राज्य हैं. जहां ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रभारी या सह प्रभारी लगाए गए नेता राजस्थान के हैं. जहां पंजाब की जिम्मेदारी राजस्थान के पूर्व मंत्री हरीश चौधरी को प्रभारी बनाकर सौंपी गई थी. वहीं उत्तर प्रदेश के चुनाव में प्रियंका गांधी के सहयोग के लिए जो सह प्रभारी लगाए गए धीरज गुर्जर और जुबेर खान राजस्थान के ही पूर्व विधायक हैं. इसी समय उत्तराखंड चुनाव में भी एआईसीसी की ओर से सह प्रभारी बनाए गए कुलदीप इंदौरा भी राजस्थान के ही नेता हैं.
गहलोत, पायलट, भंवर जितेंद्र सिंह को अहम जिम्मेदारीः जहां एक ओर राजस्थान के नेताओं को कांग्रेस पार्टी ने पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के चुनाव के प्रभारियों से प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी. वहीं राजस्थान के तीनों प्रमुख नेताओं को भी चुनाव से दूर नहीं रखा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पार्टी ने स्टार प्रचारक बनाया. हालांकि अशोक गहलोत तो केवल पंजाब में 1 दिन स्टार प्रचारक के तौर पर प्रचार करने पहुंचे. लेकिन सचिन पायलट ने पंजाब ,उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में जमकर प्रचार किया. वहीं गोवा में भी सचिन पायलट ने प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी बात रखी.
भले ही अशोक गहलोत चुनाव प्रचार में ज्यादा नहीं गए, लेकिन माना जा रहा है कि रणनीतिकार इन चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही थे. यहां तक कि पंजाब और उत्तराखंड के चुनाव में तो उन्हें अभी देखरेख का काम पर्दे के पीछे से सौंप रखा है. दोनों नेता ही नहीं बल्कि राजस्थान के कांग्रेस पार्टी के तीसरे सबसे अहम नेता भंवर जितेंद्र सिंह भी चुनाव में प्रमुख रणनीतिकार के तौर पर दिखाई दिए. उत्तर प्रदेश के चुनाव में उन्हें स्क्रीनिंग कमेटी की कमान सौंपी गई तो वे उत्तराखंड चुनाव में प्रचार भी करते दिखाई दिए.