ETV Bharat / city

प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति अनुपात में बदलाव का विरोध, रेसा का दूसरे दिन भी धरना जारी

प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए अनुपात परिवर्तन का विरोध तेज हो गया है. राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद की ओर से मंगलवार को दूसरे दिन भी अपनी मांग के समर्थन में धरना दिया गया.

जयपुर में रेसा का धरना, Promotion ratio change protest on Principal post
जयपुर में रेसा का धरना
author img

By

Published : Mar 2, 2021, 8:16 PM IST

जयपुर. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए अनुपात परिवर्तन का विरोध अब तेज होने लगा है. राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद की ओर से मंगलवार को भी सरकार की ओर से अनुपात परिवर्तन के फैसले के विरोध में लगातार दूसरे दिन धरना दिया गया. इस दौरान धरने पर बैठे प्रधानाध्यापकों ने नारेबाजी भी की.

राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद के प्रदेश कोषाध्यक्ष सोहनराज बुरड़क ने बताया कि अभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए प्रधानाध्यापक और व्याख्याता का अनुपात 33:77 का है. जबकि इसमें बदलाव कर 20:80 का किया जाना प्रस्तावित है. पदोन्नति में प्रधानाध्यापकों का अनुपात कम करने का विरोध किया जा रहा है.

उनका कहना है कि इस विवाद के स्थाई समाधान के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन होना चाहिए. इसके साथ ही प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए लीनियर चैनल बनाने की भी मांग की जा रही है.

पढ़ें- JP नड्डा ने इशारों-इशारों में बीजेपी नेताओं को दी नसीहत, साथ मिलकर आगे बढ़ने का किया आह्वान

उनका तर्क है कि व्याख्याता पे मैट्रिक्स में 12वें स्थान पर है. जबकि प्रधानाध्यापक का 14वां स्थान है. ऐसे में व्याख्याता को 12वें स्थान से 16वें स्थान पर लाने से सरकार पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा. उनका यह भी तर्क है कि प्रधानाध्यापक शैक्षिक प्रशासन का पद है. जबकि व्याख्याता शैक्षिक पद है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सरकार गौर नहीं करती है तो सड़क पर उतरकर आमरण अनशन किया जाएगा.

जयपुर. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए अनुपात परिवर्तन का विरोध अब तेज होने लगा है. राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद की ओर से मंगलवार को भी सरकार की ओर से अनुपात परिवर्तन के फैसले के विरोध में लगातार दूसरे दिन धरना दिया गया. इस दौरान धरने पर बैठे प्रधानाध्यापकों ने नारेबाजी भी की.

राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद के प्रदेश कोषाध्यक्ष सोहनराज बुरड़क ने बताया कि अभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए प्रधानाध्यापक और व्याख्याता का अनुपात 33:77 का है. जबकि इसमें बदलाव कर 20:80 का किया जाना प्रस्तावित है. पदोन्नति में प्रधानाध्यापकों का अनुपात कम करने का विरोध किया जा रहा है.

उनका कहना है कि इस विवाद के स्थाई समाधान के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन होना चाहिए. इसके साथ ही प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए लीनियर चैनल बनाने की भी मांग की जा रही है.

पढ़ें- JP नड्डा ने इशारों-इशारों में बीजेपी नेताओं को दी नसीहत, साथ मिलकर आगे बढ़ने का किया आह्वान

उनका तर्क है कि व्याख्याता पे मैट्रिक्स में 12वें स्थान पर है. जबकि प्रधानाध्यापक का 14वां स्थान है. ऐसे में व्याख्याता को 12वें स्थान से 16वें स्थान पर लाने से सरकार पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा. उनका यह भी तर्क है कि प्रधानाध्यापक शैक्षिक प्रशासन का पद है. जबकि व्याख्याता शैक्षिक पद है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सरकार गौर नहीं करती है तो सड़क पर उतरकर आमरण अनशन किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.