जयपुर. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए अनुपात परिवर्तन का विरोध अब तेज होने लगा है. राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद की ओर से मंगलवार को भी सरकार की ओर से अनुपात परिवर्तन के फैसले के विरोध में लगातार दूसरे दिन धरना दिया गया. इस दौरान धरने पर बैठे प्रधानाध्यापकों ने नारेबाजी भी की.
राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद के प्रदेश कोषाध्यक्ष सोहनराज बुरड़क ने बताया कि अभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए प्रधानाध्यापक और व्याख्याता का अनुपात 33:77 का है. जबकि इसमें बदलाव कर 20:80 का किया जाना प्रस्तावित है. पदोन्नति में प्रधानाध्यापकों का अनुपात कम करने का विरोध किया जा रहा है.
उनका कहना है कि इस विवाद के स्थाई समाधान के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन होना चाहिए. इसके साथ ही प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए लीनियर चैनल बनाने की भी मांग की जा रही है.
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उनका तर्क है कि व्याख्याता पे मैट्रिक्स में 12वें स्थान पर है. जबकि प्रधानाध्यापक का 14वां स्थान है. ऐसे में व्याख्याता को 12वें स्थान से 16वें स्थान पर लाने से सरकार पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा. उनका यह भी तर्क है कि प्रधानाध्यापक शैक्षिक प्रशासन का पद है. जबकि व्याख्याता शैक्षिक पद है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सरकार गौर नहीं करती है तो सड़क पर उतरकर आमरण अनशन किया जाएगा.