जयपुर. कर्ज न चुका पाने के कारण दौसा और अलवर के किसानों की कृषि भूमि की नीलामी से राजस्थान की राजनीति गरमाई हुई है. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को कृषि भूमि की नीलामी पर रोक लगाने के निर्देश देकर एक बार इस राजनीति को थामने का प्रयास किया है, लेकिन उसके बावजूद भी भाजपा हो या अन्य किसान संगठन, इस मुद्दे पर लगातार (Politics on Rajasthan Farmer Land Auction) सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं. किसान कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस के सभी धड़े एक साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं.
दरअसल, गहलोत को इस मामले में पायलट कैंप के नेताओं का भी साथ मिला है. पायलट कैंप के माने जाने वाले राजस्थान कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने (Rajendra Chaudhary on Loan Waiver) कर्ज माफी के मुद्दे पर गहलोत सरकार का बचाव करते हुए कहा है कि गहलोत सरकार ने अपने अधीन आने वाले बैंकों से चल रहे किसानों के कर्ज को (Kisan Karj Mafi in Rajasthan) माफ कर दिया, लेकिन अब राष्ट्रीयकृत बैंक को लेकर कर्ज माफी में दिक्कत आ रही है. इसके लिए भी राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है.
इसके साथ ही राजेंद्र चौधरी ने कहा कि किसानों के लिए कर्ज माफी को लेकर राजस्थान सरकार से कहीं ज्यादा केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है, क्योंकि कर्ज माफी का वादा केंद्र सरकार ने भी किसानों से किया था. उन्होंने किसान नेता राकेश टिकट को लेकर (Pilot Camp Leader Support Rakesh Tikait) कहा कि वह किसानों की बात करते हैं और उनके मन में किसी के प्रति दुर्भावना नहीं है. राजस्थान सरकार के जो हाथ में था उसे पूरा किया और राजस्थान सरकार को दोषी तब माना जा सकता था, जब वह केंद्र सरकार को किसानों के कर्ज माफी के लिए अपना प्रस्ताव बनाकर अपनी सिफारिश नहीं भेजती.
पायलट कैंप के नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि अगर कोई वादा करता है तो उसे पूरा करने का प्रयास करना ही उसकी जिम्मेदारी होती है. इसके साथ ही राजेंद्र चौधरी ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी करना (Rajasthan Congress Vice President Targeted Modi Government) भारत सरकार की भी जिम्मेदारी है. जिन्होंने सरेआम किसानों को कर्ज माफी की बात कही थी, लेकिन कर्ज माफी तो दूर की बात उल्टा वह किसानों के लिए ऐसे बिल लेकर आ गए जिसके चलते 700 किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी.