जयपुर. राजस्थान में अब विधानसभा चुनाव में करीब डेढ़ साल का समय ही (Congress Mission 2023) बाकी बचा है. वहीं, कांग्रेस पार्टी लगातार भाजपा पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है. चाहे पुराने मामले हों या फिर राहुल गांधी और सोनिया गांधी को ईडी द्वारा बुलाने का मामला, साफ है कि आने वाले समय में भी ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स पर विपक्षी दल कांग्रेस के हमले तेज होंगे. कारण भी साफ है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो लगातार भाजपा पर संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करने के आरोप लगाते हैं, अब वह खुले में ही कहने लगे हैं कि चुनावों से पहले किसी भी विकास योजना को लेकर राजस्थान में ईडी-सीबीआई या इनकम टैक्स का प्रवेश हो सकता है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में हुए कार्यक्रम में ईआरसीपी प्रोजेक्ट हर हाल में चालू रखने के साथ ही यह भी कहा कि भाजपा के लोग खतरनाक हैं. ईआरसीपी जैसे प्रोजेक्ट में भी कोई कमी निकाल कर ईडी भिजवा देंगे. वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अभी कुछ दिन पहले यह कह चुके हैं कि (PCC Chief Dotasra on ED Interrogation) उन समेत करीब 5-6 नेताओं की लिस्ट तैयार हो चुकी है और कभी भी केंद्रीय एजेंसियां उनके खिलाफ राजनीतिक कार्रवाई कर सकती हैं.
केवल राजनीतिक बयान या हो सकती है कार्रवाई ? : जब किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री और किसी सत्ताधारी दल की पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष ही यह कहने लग जाए कि उनकी पार्टी की नीतियों के खिलाफ केंद्र की भाजपा सरकार संवैधानिक संस्थाओं का उनके खिलाफ दुरुपयोग (Rajasthan Congress Politics) कर सकती है तो इस बात को नकारा नहीं जा सकता. हो सकता है कि यह केवल राजनीतिक बयान न होकर संभावित कार्रवाई की आशंका हो, क्योंकि राजस्थान में ऐसा पहले हो भी चुका है. जब साल 2020 में राजस्थान में राजनीतिक संकट आया और कांग्रेस सरकार संकट में पड़ गई तो भी मुख्यमंत्री के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ और राजीव अरोड़ा पर इनकम टैक्स की रेड मारी गई.
पढ़ें : ERCP पर आर-पार के मूड में गहलोत, बोले- केंद्र चाहे ईडी भेजे या IT की टीम...काम बंद नहीं होगा
इतना ही नहीं, खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत पर साल 2019 में जिस मामले में ईडी ने कार्रवाई की थी, 2022 में उसी मामले में सीबीआई भी अपनी कार्रवाई शुरू कर चुकी है. वहीं, कहा जा रहा है कि रीट पेपर लीक मामले में भाजपा की शिकायत पर ईडी जांच शुरू कर चुकी है और इस मामले में वह कार्रवाई भी कर सकती है. ऐसे में यह केवल आशंका मात्र नहीं है कि चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के किसी मंत्री या पार्टी के उन नेताओं पर केंद्रीय एजेंसियों की ओर से कार्रवाई की जाए जो पहले से इन एजेंसियों के रडार पर हैं. आपको बता दें कि इन नेताओं के साथ ही राजस्थान के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पर भी ईडी की जांच चल रही है और 2020 में हुई राजनीतिक उठापटक के समय उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था.