जयपुर. 21-22 जुलाई को होने वाला प्रदेश की गहलोत सरकार का चिंतन शिविर एक बार फिर स्थगित हो गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की 21 और 22 जुलाई को दिल्ली जा सकते हैं. ऐसे में अब चिंतन शिविर की नई संभावित तारीख 28 और 29 जुलाई (Rajasthan Congress Chintan Shivir new dates) होगी.
सोनिया के ईडी नोटिस के चलते हुई स्थगित : बता दें कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने 21 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया है. ईडी की इस कार्रवाई के विरोध में देश भर में कांग्रेस की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. खासतौर से दिल्ली में ईडी के दफ्तर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता धरना देंगे. इस धरने में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 20 जुलाई को गुजरात से सीधे दिल्ली पहुंचेंगे. गहलोत का दिल्ली में 21 जुलाई को दौरा होने के चलते सरकार का चिंतन शिविर स्थगित किया गया (Congress Chintan Shivir postponed) है.
28-29 जुलाई को हो सकता है चिंतन शिवित: गहलोत ने 21 और 22 जुलाई को जयपुर के ओटीएस में 2 दिन तक सभी विभागों के कामकाज की विभागवार समीक्षा के बैठक बुलाई थी. जिसमें मंत्रियों के कामकाज के साथ-साथ फ्लैगशिप योजना और बजट और जन घोषणा पत्र के वादों के क्रियान्वयन के बारे में भी रिपोर्ट कार्ड तैयार होना था. लेकिन अब यह सरकार का चिंतन शिविर 28 और 29 जुलाई को प्रस्तावित किया गया है. दो दिन तक होने वाली इस मैराथन बैठक में कुल 6 सेशन होंगे. हर एक दिन तीन-तीन सेशन होंगे, जिसमें सभी विभागों की समीक्षा होगी.
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तारीख स्थगित लेकिन मंत्री जुटे तैयारियों में : चिंतन शिविर को लेकर भले ही तारीख बदल गई हो, लेकिन मंत्री फिर भी अपने-अपने विभागों की तैयारियों में जुटे हुए हैं. सूत्रों की मानें तो सरकार में कई विभाग ऐसे हैं जिनके कामकाज से मुख्यमंत्री खुश नहीं हैं. कैबिनेट की बैठकों में भी मुख्यमंत्री लगातार मंत्रियों को अपने-अपने विभागों में कामकाज को गति देने के निर्देश दे चुके हैं. साथ ही यह भी निर्णय दे चुके हैं कि अगर कोई अधिकारी सरकार के कामकाज में अड़ंगा लगाता है, तो उसके खिलाफ शिकायत सीधे मुख्यमंत्री को दें. उस अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चाओं के बीच हो रही इस बैठक को लेकर मंत्री भी खासा चिंतित हैं. यही वजह है कि सभी मंत्री अपने-अपने विभागों की बजट घोषणा की समीक्षा कर रहे हैं.
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सरकार की मंशा, हर हाल में पूरे हो जन घोषणापत्र के वादे : दरअसल, सत्ता और संगठन की मंशा है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जो वादे अपने जन घोषणा पत्र में किए थे. वो तमाम वादे साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले-पहले पूरे कर लिए जाएं, जिससे कि पार्टी अपने जन घोषणापत्र के वादों की क्रियान्वित, फ्लैगशिप योजनाओं और बजट घोषणा के आधार पर जनता के बीच जाकर अपने लिए समर्थन मांग सके.