जयपुर. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग कार्यालय में सोमवार को फुल कमीशन की बैठक आयोजित हुई. बैठक के अध्यक्षा करते हुए आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (sangeeta beniwal held full commission meeting) ने केंद्र सरकार की ओर से विवाह की न्यूनतम आयु 21 साल करने की निंदा की. साथ ही आगामी दिनों में राज्यों के बाल संरक्षण आयोगों के साथ एक राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करने पर भी चर्चा की गई.
संगीता बेनीवाल ने कहा कि अन्य राज्यों से बालश्रम और बाल भिक्षावृत्ति के लिए जबरन लाए गए बच्चों को मुक्त तो करवा दिया जाता है लेकिन उन्हें वापस भेजने में कई अनावश्यक औपचारिकताओं और संबंधित राज्यों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित नहीं हो पाता है. इसे ध्यान में रखते हुए सभी राज्यों के बाल संरक्षण आयोगों के साथ एक राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करने को लेकर विचार-विमर्श किया गया.
बेनीवाल ने केंद्र सरकार की ओर से लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित करने की कड़े शब्दों में निंदा की है. आयोग अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी विधेयक को लाने के लिए सदन में चर्चा होनी चाहिए. स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ इसके फायदे और दुष्परिणाम पर भी चर्चा की जानी चाहिए थी. बेनीवाल ने कहा कि इस विषय को लेकर आयोग द्वारा एक्सपर्ट के साथ चर्चा की जाएगी और केंद्र सरकार को सुझाव भेजे जाएंगे, ताकि बच्चों के अधिकारों का हनन न हो.
संगीता बेनीवाल ने कहा कि वर्तमान समय में कोविड का संक्रमण कम हो गया है और प्रदेश में स्कूल भी खुल चुके हैं. स्कूलों में कोविड गाइड लाइन की पालना की जांच और बाल विवाह को रोकने के लिए बच्चों को जागरूक करने के लिए बाल आयोग जिलों, ब्लाक और गांवों में जाएगा.