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Rajasthan Budget 2021: पेयजल के लिए बजट में कई बड़ी योजनाओं की घोषणा... - बजट में पेयजल संबंधी घोषणाएं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में पेयजल के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं. जल जीवन मिशन के तहत 4700 करोड़ रुपए की 12 नई पेयजल योजनाएं शुरू की जाएंगी और 2021-22 में जल जीवन मिशन के तहत 3233 गांव और 2606 ढाणियों के लिए पेयजल परियोजनाओं के लिए डीपीआर बनाई जाएगी. प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 476 करोड़ रुपए के काम कराए जाएंगे.

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Rajasthan Budget 2021: पेयजल के लिए बजट में कई बड़ी योजनाओं की घोषणा
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Published : Feb 24, 2021, 5:23 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राजस्थान का बजट पेश किया. बजट में पेयजल को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की गई. अशोक गहलोत ने घोषणा की कि जल जीवन मिशन के तहत 20 लाख घरों में नल से जल पहुंचाया जाएगा. जल जीवन मिशन के तहत मुख्यमंत्री ने 4700 करोड़ रुपए की 12 नई पेयजल योजनाओं को शुरू करने की घोषणा की है. इन पेयजल योजनाओं से 1428 गांव और 1891 ढाणियां लाभान्वित होंगी.

पढ़ें: राजस्थान बजट 2021-22 : किस वर्ग को क्या मिला, कुछ ही देर में ईटीवी भारत पर देखें विशेष चर्चा

जल जीवन मिशन के तहत 13 पेयजल योजनाओं की डीपीआर बनाने की घोषणा की गई थी. इसमें से आगामी वर्ष में 2285 करोड़ रुपए से छह पेयजल योजनाओं का काम शुरू किया जाएगा. इन परियोजनाओं से 2686 गांव और 2453 ढाणियां लाभान्वित होंगी. 2021-22 में जल जीवन मिशन के तहत 3233 गांव और 2606 ढाणियों के लिए पेयजल परियोजनाओं के लिए डीपीआर बनाई जाएगी. प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 476 करोड़ रुपए के काम कराए जाएंगे.

बजट में पेयजल को लेकर घोषणाएं

चंबल भीलवाड़ा पेयजल योजना के तहत भीम और देवगढ़ में पेयजल पहुंचाने का काम किया जाएगा. इसके लिए 1032 करोड़ रुपए के काम कराए जाएंगे और यह काम 3 वर्षों में पूरा होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि भीलवाड़ा में पेयजल पहुंचाने के लिए चंबल भीलवाड़ा पेयजल योजना के द्वितीय चरण की शुरुआत हमारे पिछले कार्यकाल में की गई थी. लेकिन पिछली सरकार ने इसके लिए संसाधन उपलब्ध नहीं कराए. इसलिए अब 248 करोड़ अतिरिक्त खर्च किए जाएंगे.

पढ़ें: राजस्थान बजट 2021-22 की 10 बड़ी बातें...

2020 -21 में बीसलपुर परियोजना के अंतर्गत केकड़ी सरवाड़ सावर में पानी पहुंचाने के लिए डीपीआर बनाने की घोषणा की गई थी. आगामी वर्ष में 425 करोड़ रुपए की लागत से इस परियोजना का काम शुरू किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि दौसा और सवाई माधोपुर में पेयजल योजना के तहत ईसरदा बांध महत्वपूर्ण है. इसके द्वितीय चरण के तहत जयपुर और अलवर जिले के गांव ढाणियों में पानी पहुंचाया जाएगा और इसके लिए 12 करोड़ डीपीआर बनाई जाएगी.

कुंभाराम लिफ्ट परियोजना से सीकर और झुंझुनू के गांव ढाणियों में पानी पहुंचाया जाएगा. उसके लिए 7700 करोड़ रुपये खर्च होंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनप्रतिनिधियों के सुझाव के आधार पर हर जिले में 40 हेडपंप, 10 ट्यूबवेल बनाने की घोषणा की. कुछ जिलों में नए एईएन और एक्सईएन ऑफिस खोलने की भी घोषणा की गयी है.

ईस्टर्न कैनाल को लेकर केंद्र पर निशाना

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण के दौरान इस्टर्न कैनाल की बात की. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंस में भी इस पर चर्चा की गई थी. इस परियोजना को राष्ट्रीय योजना घोषित करने के लिए उन्होंने विपक्ष का सहयोग भी मांगा. उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार है लेकिन काम कराने के लिए पीछे पड़ना पड़ता है. रिफाइनरी हम लोग लेकर के आए थे, लेकिन उसमें भी कुछ अड़चनें आई.

पढ़ें: Rajasthan Budget 2021: CM गहलोत ने खोला पिटारा, कर प्रस्ताव संबंधी कई अहम घोषणाएं

केंद्र में हमारी यूपीए सरकार थी लेकिन हमें भी पीछे पड़ना पड़ा था. राजस्थान से बीजेपी के 25 सांसद हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि आपके किये हुए वादे को आपको भी पूरा करना चाहिए, यह इस्टर्न कैनाल 13 जिलों के भविष्य का सवाल है. इसे धरातल पर लाने के लिए हम पूरी तरह से कटिबद्ध हैं. गहलोत ने कहा कि इस्टर्न कैनाल रिफाइनरी के बाद प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी योजना है.

उन्होंने विपक्ष को याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में हुए अपने वादे के अनुसार इस योजना को राष्ट्रीय योजना घोषित नहीं किया है. नीति आयोग की बैठक में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका वादा याद दिलाया गया था. उन्होंने कहा कि इसी तरह की 16 परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया हुआ है, लेकिन इस्टर्न को राष्ट्रीय योजना घोषित नहीं करना समझ से परे है. यह भेदभाव की श्रेणी में आता है. हालांकि केंद्र ने इसके लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध नहीं कराए हैं. लेकिन हम अपने संसाधनों के जरिए इसका काम जारी रखेंगे.

परवन परियोजना को भी राष्ट्र योजना का दर्जा दिलाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. इसके लिए भी मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. इस परियोजना पर लगभग 3300 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. आगामी वर्ष में इसके लिए 885 करोड़ रुपए का प्रावधान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में किया है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राजस्थान का बजट पेश किया. बजट में पेयजल को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की गई. अशोक गहलोत ने घोषणा की कि जल जीवन मिशन के तहत 20 लाख घरों में नल से जल पहुंचाया जाएगा. जल जीवन मिशन के तहत मुख्यमंत्री ने 4700 करोड़ रुपए की 12 नई पेयजल योजनाओं को शुरू करने की घोषणा की है. इन पेयजल योजनाओं से 1428 गांव और 1891 ढाणियां लाभान्वित होंगी.

पढ़ें: राजस्थान बजट 2021-22 : किस वर्ग को क्या मिला, कुछ ही देर में ईटीवी भारत पर देखें विशेष चर्चा

जल जीवन मिशन के तहत 13 पेयजल योजनाओं की डीपीआर बनाने की घोषणा की गई थी. इसमें से आगामी वर्ष में 2285 करोड़ रुपए से छह पेयजल योजनाओं का काम शुरू किया जाएगा. इन परियोजनाओं से 2686 गांव और 2453 ढाणियां लाभान्वित होंगी. 2021-22 में जल जीवन मिशन के तहत 3233 गांव और 2606 ढाणियों के लिए पेयजल परियोजनाओं के लिए डीपीआर बनाई जाएगी. प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 476 करोड़ रुपए के काम कराए जाएंगे.

बजट में पेयजल को लेकर घोषणाएं

चंबल भीलवाड़ा पेयजल योजना के तहत भीम और देवगढ़ में पेयजल पहुंचाने का काम किया जाएगा. इसके लिए 1032 करोड़ रुपए के काम कराए जाएंगे और यह काम 3 वर्षों में पूरा होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि भीलवाड़ा में पेयजल पहुंचाने के लिए चंबल भीलवाड़ा पेयजल योजना के द्वितीय चरण की शुरुआत हमारे पिछले कार्यकाल में की गई थी. लेकिन पिछली सरकार ने इसके लिए संसाधन उपलब्ध नहीं कराए. इसलिए अब 248 करोड़ अतिरिक्त खर्च किए जाएंगे.

पढ़ें: राजस्थान बजट 2021-22 की 10 बड़ी बातें...

2020 -21 में बीसलपुर परियोजना के अंतर्गत केकड़ी सरवाड़ सावर में पानी पहुंचाने के लिए डीपीआर बनाने की घोषणा की गई थी. आगामी वर्ष में 425 करोड़ रुपए की लागत से इस परियोजना का काम शुरू किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि दौसा और सवाई माधोपुर में पेयजल योजना के तहत ईसरदा बांध महत्वपूर्ण है. इसके द्वितीय चरण के तहत जयपुर और अलवर जिले के गांव ढाणियों में पानी पहुंचाया जाएगा और इसके लिए 12 करोड़ डीपीआर बनाई जाएगी.

कुंभाराम लिफ्ट परियोजना से सीकर और झुंझुनू के गांव ढाणियों में पानी पहुंचाया जाएगा. उसके लिए 7700 करोड़ रुपये खर्च होंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनप्रतिनिधियों के सुझाव के आधार पर हर जिले में 40 हेडपंप, 10 ट्यूबवेल बनाने की घोषणा की. कुछ जिलों में नए एईएन और एक्सईएन ऑफिस खोलने की भी घोषणा की गयी है.

ईस्टर्न कैनाल को लेकर केंद्र पर निशाना

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण के दौरान इस्टर्न कैनाल की बात की. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंस में भी इस पर चर्चा की गई थी. इस परियोजना को राष्ट्रीय योजना घोषित करने के लिए उन्होंने विपक्ष का सहयोग भी मांगा. उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार है लेकिन काम कराने के लिए पीछे पड़ना पड़ता है. रिफाइनरी हम लोग लेकर के आए थे, लेकिन उसमें भी कुछ अड़चनें आई.

पढ़ें: Rajasthan Budget 2021: CM गहलोत ने खोला पिटारा, कर प्रस्ताव संबंधी कई अहम घोषणाएं

केंद्र में हमारी यूपीए सरकार थी लेकिन हमें भी पीछे पड़ना पड़ा था. राजस्थान से बीजेपी के 25 सांसद हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि आपके किये हुए वादे को आपको भी पूरा करना चाहिए, यह इस्टर्न कैनाल 13 जिलों के भविष्य का सवाल है. इसे धरातल पर लाने के लिए हम पूरी तरह से कटिबद्ध हैं. गहलोत ने कहा कि इस्टर्न कैनाल रिफाइनरी के बाद प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी योजना है.

उन्होंने विपक्ष को याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में हुए अपने वादे के अनुसार इस योजना को राष्ट्रीय योजना घोषित नहीं किया है. नीति आयोग की बैठक में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका वादा याद दिलाया गया था. उन्होंने कहा कि इसी तरह की 16 परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया हुआ है, लेकिन इस्टर्न को राष्ट्रीय योजना घोषित नहीं करना समझ से परे है. यह भेदभाव की श्रेणी में आता है. हालांकि केंद्र ने इसके लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध नहीं कराए हैं. लेकिन हम अपने संसाधनों के जरिए इसका काम जारी रखेंगे.

परवन परियोजना को भी राष्ट्र योजना का दर्जा दिलाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. इसके लिए भी मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. इस परियोजना पर लगभग 3300 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. आगामी वर्ष में इसके लिए 885 करोड़ रुपए का प्रावधान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में किया है.

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