जयपुर. राजस्थान भाजपा विधानसभा चुनाव-2023 की तैयारी में अभी से सक्रिय नजर आने लगी है. सशक्त मंडल अभियान के जरिए भाजपा बूथ स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश शुरू कर चुकी है. दरअसल, राजस्थान भाजपा में पूर्व में 1067 मंडल हुआ करते थे, लेकिन हाल ही में संगठन संरचना में बदलाव करते हुए उन मंडलों को विभक्त कर नए मंडल बनाए गए, जहां 60 से अधिक बूथ हैं. कई जिलों में कुछ मंडल ऐसे थे जहां 80 से 90 बूथ, एक मंडल के क्षेत्र में थे.
इसके अलावा जिस जिले में विधानसभा स्तर पर मंडलों के बीच क्षेत्रफल के आधार पर दूरी अधिक थी, वहां पर बूथ की संख्या को आधार नामांकन क्षेत्रफल को आधार माना गया और वहां नए मंडलों का गठन भी हुआ. कुल मिलाकर 51 नए मंडल (Rajasthan BJP Strong Mandal Campaign) इस अभियान के दौरान बना दिए गए.
निष्क्रिय मंडलों में किया बदलाव...
अभियान के तहत केवल परिसीमन के जरिए नए मंडल का सृजन ही नहीं किया गया, बल्कि जो मंडल निष्क्रिय है या पार्टी के दिए गए कामकाज को सक्रियता से नहीं कर पा रहे थे, उनमें भी बदलाव किया गया है. वहीं, कोरोना कालखंड के दौरान कुछ मंडल अध्यक्षों की मौत भी हो गई या फिर वह शारीरिक रूप से इस दायित्व को निभाने में खुद को असहज महसूस करने लगे. ऐसे में करीब 66 मंडल अध्यक्षों को पार्टी ने बदला है. बदलाव के साथ ही वहां नए मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति हुई और मंडल कार्यकारिणी में भी थोड़ा बहुत बदलाव किया गया. हालांकि, बदलाव इन क्षेत्रों में भेजे गए विस्तारको, संगठन प्रभारी और संबंधित जिला अध्यक्ष की रिपोर्ट के आधार पर ही किया गया है. मौजूदा बदलाव के बाद राजस्थान भाजपा में अब 1118 मंडल काम कर रहे हैं.
सशक्त मंडल अभियान के बाद जिला और मोर्चों में भी बदलाव संभव...
भाजपा के सशक्त मंडल अभियान के दौरान भले ही मंडल में सक्रियता को आधार मानकर (Change of Mandal Presidents in Rajasthan BJP) बदलाव किया जा रहा हो, लेकिन मंडल के बाद जिला और मोर्चों में भी इसी प्रकार सक्रियता को आधार मानते हुए बदलाव की बयार बहेगी. माना जा रहा है कि 6 अप्रैल के बाद पार्टी का अगला टारगेट जिलों की टीम को सक्रिय करना और फिर मोर्चा में इसी आधार पर बदलाव करना रहेगा.