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'लेटर बम' पर पूनिया का Tweet, कहा- 22 साल पुराना पत्र अब जारी होना 'अजब सियासत की गजब कहानी' है

प्रदेश भाजपा (Rajasthan BJP) की राजनीति में तत्कालिक प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) के पुराने लेटर वायरल (Viral Letter) होने के बाद मचे सियासी बवाल पर खुद पूनिया ने ट्विटर (Twitter) के जरिए अपनी बात रखी है. पूनिया ने 22 वर्ष पुराने पत्र के इस समय जारी होने को 'अजब सियासत की गजब कहानी बताया' है.

satish poonia on letter bomb
लेटर बम पर पूनिया का Tweet
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Published : Jun 29, 2021, 12:07 PM IST

जयपुर. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष (Rajasthan BJP State President) सतीश पूनिया ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर लिखा, '22 वर्ष पुराना पत्र इस समय जारी होना अजब सियासत की गजब कहानी है. फिर भी, मैं तब भी कार्यकर्ताओं के साथ था, अब भी साधारण कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधि हूं. पार्टी के मंच पर कही गई बात के बाद ही नेतृत्व ने मुझे पार्टी में महत्वपूर्ण दायित्व दिए, जिनका मैंने निष्ठापूर्वक निर्वहन किया'.

क्या है वायरल लेटर में ?

दरअसल, जो पत्र वायरल हुआ वो 22 साल पुराना है, जब सतीश पूनिया भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे और यह पत्र पूनिया ने इस पद से अपने इस्तीफे के रूप में तत्कालिक पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) को लिखा था. जिसमें पूनिया ने बीजेपी के दिग्गज भैरो सिंह शेखावत (Bhairon Singh Shekhawat), ललित किशोर चतुर्वेदी (Lalit Kishore Chaturvedi) और हरिशंकर भाभड़ा (Harishankar Bhabra) पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया था. वहीं, राजेंद्र राठौड़ और पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां को 'भस्मासुर' बताया था.

viral letter
वायरल लेटर...

पढ़ें : राजस्थान भाजपा में फूटा 22 साल पुराना लेटर बम, अब नेताओं में चल रहा शह-मात का खेल

लेटर में यह भी लिखा गया दिखाया गया कि मैं बुरे दिनों में पार्टी के साथ रहा, लेकिन पार्टी के अच्छे दिनों में जिम्मेदारी छोड़ रहा हूं. मैंने अपनी क्षमता के अनुसार पार्टी का काम करने का प्रयास किया, पर अब महसूस कर रहा हूं कि संसदीय राजनीति के नाम पर पार्टी में मेरी घोर उपेक्षा की गई. मेरे मुकाबले उन्हीं व्यक्तियों को बार-बार तवज्जो मिलती रही जो परंपरागत रूप से इस विचारधारा के घोर विरोधी रहे और उन्होंने पार्टी के भीतर और बाहर रहकर कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया. पत्र में पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां के दबाव में बार-बार टिकट कटने की बात भी लिखी गई.

satish poonia tweet
पूनिया का ट्वीट...

आपको बता दें कि पूनिया ने चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर साल 1999 में युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, जिसे तत्कालिक प्रदेश अध्यक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मंजूर कर लिया था. हालांकि, तब भी सतीश पूनिया ने अपने मन की पीड़ा पार्टी के प्लेटफॉर्म पर ही रखी थी. मतलब प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष रखी थी, जिसे अब 22 साल बाद उनके ही विरोधियों ने संभवता वायरल कर दिया, जो मीडिया में सुर्खियां भी बना.

हालांकि, जिस प्रकार से मौजूदा समय में इस पत्र को वायरल किया गया, यह इस बात के संकेत है कि राजस्थान भाजपा (Rajasthan BJP) में गुटबाजी और अंतर्कलह चरम पर पहुंच गई है. क्योंकि यह पत्र उस समय वायरल हुआ जब प्रदेश संगठन ने गलत बयानबाजी करने वाले नेताओं पर अनुशासन का डंडा चलाना शुरू किया.

जयपुर. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष (Rajasthan BJP State President) सतीश पूनिया ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर लिखा, '22 वर्ष पुराना पत्र इस समय जारी होना अजब सियासत की गजब कहानी है. फिर भी, मैं तब भी कार्यकर्ताओं के साथ था, अब भी साधारण कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधि हूं. पार्टी के मंच पर कही गई बात के बाद ही नेतृत्व ने मुझे पार्टी में महत्वपूर्ण दायित्व दिए, जिनका मैंने निष्ठापूर्वक निर्वहन किया'.

क्या है वायरल लेटर में ?

दरअसल, जो पत्र वायरल हुआ वो 22 साल पुराना है, जब सतीश पूनिया भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे और यह पत्र पूनिया ने इस पद से अपने इस्तीफे के रूप में तत्कालिक पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) को लिखा था. जिसमें पूनिया ने बीजेपी के दिग्गज भैरो सिंह शेखावत (Bhairon Singh Shekhawat), ललित किशोर चतुर्वेदी (Lalit Kishore Chaturvedi) और हरिशंकर भाभड़ा (Harishankar Bhabra) पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया था. वहीं, राजेंद्र राठौड़ और पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां को 'भस्मासुर' बताया था.

viral letter
वायरल लेटर...

पढ़ें : राजस्थान भाजपा में फूटा 22 साल पुराना लेटर बम, अब नेताओं में चल रहा शह-मात का खेल

लेटर में यह भी लिखा गया दिखाया गया कि मैं बुरे दिनों में पार्टी के साथ रहा, लेकिन पार्टी के अच्छे दिनों में जिम्मेदारी छोड़ रहा हूं. मैंने अपनी क्षमता के अनुसार पार्टी का काम करने का प्रयास किया, पर अब महसूस कर रहा हूं कि संसदीय राजनीति के नाम पर पार्टी में मेरी घोर उपेक्षा की गई. मेरे मुकाबले उन्हीं व्यक्तियों को बार-बार तवज्जो मिलती रही जो परंपरागत रूप से इस विचारधारा के घोर विरोधी रहे और उन्होंने पार्टी के भीतर और बाहर रहकर कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया. पत्र में पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां के दबाव में बार-बार टिकट कटने की बात भी लिखी गई.

satish poonia tweet
पूनिया का ट्वीट...

आपको बता दें कि पूनिया ने चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर साल 1999 में युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, जिसे तत्कालिक प्रदेश अध्यक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मंजूर कर लिया था. हालांकि, तब भी सतीश पूनिया ने अपने मन की पीड़ा पार्टी के प्लेटफॉर्म पर ही रखी थी. मतलब प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष रखी थी, जिसे अब 22 साल बाद उनके ही विरोधियों ने संभवता वायरल कर दिया, जो मीडिया में सुर्खियां भी बना.

हालांकि, जिस प्रकार से मौजूदा समय में इस पत्र को वायरल किया गया, यह इस बात के संकेत है कि राजस्थान भाजपा (Rajasthan BJP) में गुटबाजी और अंतर्कलह चरम पर पहुंच गई है. क्योंकि यह पत्र उस समय वायरल हुआ जब प्रदेश संगठन ने गलत बयानबाजी करने वाले नेताओं पर अनुशासन का डंडा चलाना शुरू किया.

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